उदयपुर में ऐतिहासिक जल प्रबंधन प्रणालीउदयपुर में 14वीं सदी से 19वीं सदी तक, जल संरक्षण हेतु, अनेक कार्यों द्वारा ऐतिहासिक जल प्रबंधन प्रणाली का विकास किया गया। यहाँ के राणाओं ने पिछोला, उदयसागर, फतहसागर, गोवर्धनसागर, रंगसागर, स्वरूपसागर, जनासागर आदि झीलों का समय-समय पर निर्माण करवाया एवं नहरें बनाकर इन्हें आपस में जोड़ दिया गया। इससे वर्षा ऋतु में जल एक के बाद, दूसरी झील में स्थानान्तरित हो जाता है। इन सभी झीलों के कारण ही उदयपुर को 'झीलों का मगर' भी कहा जाता है।