"उन्नीसवीं शताब्दी के आरम्भ में वेतन बढ़ने के बाद भी मजदूरों की दशा में सुधार का स्पष्ट पता नहीं चलता।" व्याख्या कीजिए।
Download our app for free and get startedPlay store
यद्यपि उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ में मजदूरों के वेतनों में कुछ वृद्धि हुई, परन्तु इससे उनकी दशा में सुधार का पता नहीं चलता क्योंकि मजदूरों की आय केवल वेतन की दर पर ही निर्भर नहीं होती थी। यह रोजगार की अवधि पर भी निर्भर करती थी।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    भारत में औद्योगिक उत्पादन पर प्रभुत्व रखने वाली यूरोपीय प्रबन्धकीय एजेन्सियों की कुछ विशेष प्रकार के उत्पादों में ही रुचि क्यों थी?
    View Solution
  • 2
    नयी सदी के उदय' और 'दो जादूगर' तस्वीरें क्या बतलाती है?
    View Solution
  • 3
    औद्योगीकरण के प्रारंभिक दौर में क्या परिवर्तन आये?
    View Solution
  • 4
    उद्योगों में मौसमी आधार पर काम करने वाले कामगारों की स्थिति पर प्रकाश डालिए?
    View Solution
  • 5
    उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त में भारत की प्रारम्भिक सूती मिलों में मोटे सूती धागे का उत्पादन क्यों किया जाता था?
    View Solution
  • 6
    बाजार में श्रम की प्रचुरता के मजदूरों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
    View Solution
  • 7
    बाजार में श्रम की प्रचुरता के मजदूरों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़े?
    View Solution
  • 8
    औद्योगीकरण के दौरान परम्परागत उद्योगों व औद्योगिक प्रक्रिया पर टिप्पणी लिखिए?
    View Solution
  • 9
    बुनकरों और गुमाश्तों के बीच टकराव की स्थिति का क्या प्रभाव पड़ा?
    View Solution
  • 10
    मिलों के साथ प्रतिस्पर्धा का मुकाबला कर पाने के मामले में महीन वस्त्र बुनने वाले बुनकर अन्य लोगों से अच्छी स्थिति में क्यों थे?
    View Solution