वैश्वीकरण का आम आदमी पर पड़े प्रभाव की चर्चा करें।
स्वाध्याय
Download our app for free and get startedPlay store
वैश्वीकरण का आम आदमी पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़े हैं। सर्वप्रथम अच्छा प्रभाव निम्न है

1. उपयोग के आधनिक संसाधनों की उपलब्धता- वैश्वीकरण के कारण दुनिया के सभी देशों के उच्चतम उत्पादन लोगों को उपयोग के लिए उपलब्ध हो गया है। उदाहरण के लिए पहले जहाँ आम आदमी रेडियो से मनोरंजन प्राप्त करता था। अब उनके लिए विभिन्न कंपनियों के रंगीन
टेलीविजन जैसी चीजों की उपलब्धता हो गई है।

2. रोजगार की बढ़ी हई संभावना वैश्वीकरण के कारण नए-नए क्षेत्र खुल गए हैं। जिससे कुशल श्रमिकों के लिए अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो गए हैं।

3. आधुनिक तकनीक की उपलब्धता वैश्वीकरण के कारण विश्व के विकसित देशों के आधुनिक तकनीक अन्य विकासशील देशों में आसानी से उपलब्ध होने लगे हैं। जिससे आम लोगों के लिए आधुनिकतम तकनीक के उपयोग का दरवाजा खुल गया है। सच कहा जाए तो, भारत जैसे विकासशील देश में आम लोगों पर वैश्वीकरण का बुरा प्रभाव ही पड़ा। वैश्वीकरण से आम लोगों पर निम्नलिखित बुरा प्रभाव पड़ा है

1. बेरोजगारी बढ़ने की आशंका- वैश्वीकरण के कारण आधुनिक संयंत्रों से मशीनी उत्पादन को बढ़ावा मिला है, जिसके कारण समाज के.अधिकतम श्रम शक्ति जो अर्द्धकुशल या अकुशल हैं, ऐसे लोगों में बेरोजगारी के बढ़ने की संभावना हो गई है।

2. उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ती हई प्रतियोगिता- विदेशी पूजी एवं विदेशी कंपनियों के बिना किसी प्रतिबंध के आयात होने से आम लोगों में बेरोजगारी फैलने की संभावना बढ़ गई है।

3. श्रम संगठनों पर बरा प्रभाव- श्रमिक संगठनों के द्वारा आम मजदूरों की न्यूनतम माँगों को संगठित रूप से माँग की जाती है जिससे श्रमिकों को सामान्य वेतन एवं सुविधाएं उपलब्ध होने लगती हैं। अब वैश्वीकरण के कारण श्रम कानूनों में लचीलापन आया है जिससे श्रमिक संगठन भी कमजोर हो गया है। इससे आम श्रमिकों को उचित पारिश्रमिक मिलने में कठिनाई आने लगी है।
4. मध्यम एवं छोरे उत्पादकों की कठिनाई- वैश्वीकरण के कारण मध्यम एवं छोटे ‘उत्पादकों के लिए अपने उत्पादन को सक्षम रखने में अनेक कठिनाइयाँ होने लगी हैं। प्रकृति का यह एक सामान्य नियम है कि पानी में बड़ी मछलियाँ छोटी मछलियों को खा जाती हैं। उसी तरह वैश्वीकरण के कारण जो बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ देश में आने लगी हैं, उससे मध्यम और छोटे उद्योग और व्यवसाय के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

5. कषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का संकट वैश्वीकरण के कारण अब देश और विदेश के बड़े-बड़े पूँजीपति फार्म हाऊस बनाने लगे हैं जिसमें कृषि के क्षेत्र में भी अधिक पूंजी निवेश के द्वारा कम श्रम-शक्ति से ही अधिक उत्पादन प्राप्त करने लगे हैं। इस स्थिति में गाँव के मध्यम एवं छोटे श्रेणी के किसानों के लिए अनेक प्रकार के संकट उत्पन्न हो गए हैं। इस प्रकार वैश्वीकरण के आम लोगों पर कुछ अनुकूल एवं अधिक विपरीत प्रभावों को देखने के बाद हम इस निष्कर्ष पर आते हैं कि वैश्वीकरण से आम लोगों को लाभ से अधिक हानि होने की संभावना है। यह सत्य है कि वैश्वीकरण से पूँजी उत्पाद और आय में वृद्धि होगी।

किन्तु वृद्धि का यह लाभ समा के मुट्ठी भर धनी एवं उच्च शिक्षा प्राप्त लोग ही प्राप्त कर सकेंगे। वैश्वीकरण की स्थिति में ऊँ आय के अमीर व्यक्तियों की आय बढ़ती चली जाएगी और 85 प्रतिशत की सर्वाधिक संख्या में आम लोगों का जीवन कठिन हो जाने की संभावना है।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा किसी देश में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के निर्णय पर किन बातों का प्रभाव पड़ता है ?
    View Solution
  • 2
    भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में तर्क दें।
    View Solution
  • 3
    बहुराष्ट्रीय निगमों से आप क्या समझते हैं ? इन्होंने किस प्रकार विभिन्न देशों के उत्पादन को जोड़ने का कार्य किया है ?
    View Solution
  • 4
    उदारीकरण से आप क्या समझते हैं ? इस दृष्टि से भारत सरकार की वर्तमान नीति क्या है?
    View Solution
  • 5
    वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभावों को बतायें।
    View Solution
  • 6
    1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं ? भारत में इन सुधारों की आवश्यकता क्यों हुई?
    View Solution