वारेन हेस्टिंग्स ने भारतीय न्याय के क्षेत्र में निम्न सुधार किये-
(1) प्रत्येक जिले में अलग-अलग दीवानी एवं फौजदारी अदालतों की स्थापना की गई।
(2) यूरोपीय जिलाधिकारी दीवानी अदालतों की अध्यक्षता करते थे। इनके लिए मौलवी तथा पंडितों द्वारा भारतीय कानूनों की व्याख्या की जाती थी।
(3) फौजदारी अदालतों को जिलाधिकारी के निरीक्षण में लाया गया। यद्यपि ये काजी तथा मुफ्ती के अन्तर्गत ही थीं।
(4) हेस्टिंग्स ने हिन्दू एवं मुस्लिम कानूनों का अनुवाद करवाया तथा उन्हें कूटबद्ध कर दिया।
(5) रेग्युलेशन एक्ट के तहत कलकत्ता में एक नए सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई।
(6) कलकत्ता में अपीलीय अदालत अर्थात् सदर निजामत अदालत की भी स्थापना की गई।