संतरे के बीज में बहुभ्रूणता पायी जाती है अर्थात् एक बोज में एक से अधिक भ्रूणों की उपस्थिति होती है जिसके कारण संतरे के एक बोज को पिचकाने पर भिन्न आकार के कई भ्रूण दिखाई देते हैं। बहुभ्रूणता कई प्रकार से हो सकती है जैसे-
1. भ्रूणकोश के आसपास की बीजांडकाय की कोशिकाएं विभाजित होकर भ्रूण में परिवर्धित हो जाती है। उदा. नींबू, संतरा आदि।
2. भ्रूणकोश की अण्डकोशिका के अलावा अन्य कोई कोशिका भ्रूण का विकास करने लगती है।