तीन संधारित्र जिनकी धारिताएँ क्रमशः 2, 4 व 8µF हैं। पहले श्रेणीक्रम में फिर समान्तर क्रम में जोड़े जाते हैं। दोनों स्थितियों में इनकी तुल्यधारिताओं का अनुपात होगा-
एक वायु संधारित्र की धारिता 5µF है। उसी संधारित्र में वायु के स्थान पर पूर्ण रूप से अभ्रक रख दिया जाये तो धारिता 30µF हो जाती है, अभ्रक का परावैद्युतांक होगा-
जब परावैद्युत माध्यम आंषिक रूप से समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच भर दिया जाता है तो इसकी धारिता बढ़ जाती है परन्तु विभवान्तर ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ जाता हैं।
$3\ \mu F$ व $5\ \mu F$ धारिता के दो संधारित्रों के समान्तर संयोजन को $Q$ आवेश दिया जाता है। यदि $3\ \mu F$ पर आवेश $Q_1$ तथा $5\ \mu F$ पर $Q_2$ हो तो $\frac{Q_1}{Q_2}$ का मान क्या होगा?
समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य के स्थान को आंशिक रूप से परावैधुत पदार्थ भरने पर धारिता का मान परावैधुत पदाथ की स्थिति पर किस प्रकार निर्भर करता है?
किन्हीं दो समान्तर पृष्ठों पर विभव समान हैं। इनके मध्य की r दूरी है। यदि किसी q आवेश को एक पृष्ठ से दूसरे पृष्ठ तक ले जायें तो इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
दो विभिन्न धारिताओं के संधारित्रों को पहले (1) श्रेणी में और फिर (2) पार्श्व में किसी 100 V के de स्रोत से संयोजित किया गया है। यदि इन दोनों प्रकरणों में संयोजनों में संधित कुल ऊर्जा क्रमशः 40 mJ और 250 mJ है, तो इन संधारित्रों की धारिताएँ ज्ञात कीजिए।
समान धारिता की दो संधारित्र चित्रानुसार $($चित्र$)$ एक बैटरी से जुड़ी हुई हैं। स्विच $S$ प्रारम्भ में बन्द अवस्था में है। अब स्विच $S$ को खुला कर संधारित्र की प्लेटों के मध्य $\in _r= 3$ परावैधुत के पदार्थ को भरा जाता है। परावैधुत पदार्थ को रखने से पूर्व व उसके पश्चात् संधारित्रों में संग्रहित विधुत ऊर्जा के मानों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
$10 ^{-6}$ मीटर व्यास तथा $880.5$ किलोग्राम/मीटर$^3$ घनत्व वाली एक तेल बूँद $10$ मिलीमीटर में पृथक्कृत प्लेटों के मध्य स्थिर रहती है। प्लेटों के मध्य विभवान्तर $36$ वोल्ट है। तेल बूँद पर इलेक्ट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए। $(g = 10$ मीटर/सेकण्ड$^2)$
3 µF तथा 4 µF धारिता के दो संधारित्रों को 6V की बैटरी से अलग-अलग आवेशित किया जाता है। बैटरी को हटा देने पर वह आपस में एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। जिसमें एक संधारित्र की ऋण प्लेट दूसरे की धन प्लेट से जुड़ जाती है। अन्तरिम कुल ऊर्जा की गणना कीजिए।
एक वर्ग की प्रत्येक भुजा 90 सेमी. लम्बी है। इसके कोने पर क्रमशः - 2, +3, -4 तथा +5 माइक्रो कूलॉम आवेश रखे हैं। वर्ग के केन्द्र पर विधुत विभव ज्ञात कीजिये।
चित्र में दर्शाए अनुसार तीन परिपथों, जिनमें प्रत्येक स्विच 'S' और दो संधारित्र लगे हैं, को प्रारम्भ में आवेशित किया जाता है। स्विच को बन्द करने पर किस परिपथ में बार्थी ओर दिए गए संधारित्र में आवेश (i) बढ़ेगा, (ii) घटेगा और (iii) अपरिवर्तित रहेगा? कारण दीजिए।
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