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a मीटर भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर क्रमशः q, 2q , 3q व 4q फूलॉम आवेश स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि उसके केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र $4 \sqrt{2} \frac{k q}{a^2}$ न्यूटन/कूलॉम होगा।
दो आवेश वायु में कुछ दूरी पर रख दिये गये हैं- (अ) यदि उनके बीच एक काँच की स्लेब जिसका परावैद्युतांक 8 है रख दी जाये तो उनके बीच कार्य करने वाले बल के परिमाण में क्या परिवर्तन होगा? (ब) यदि पीतल का टुकड़ा रख दिया जाये तो क्या होगा?
समान आवेश वाले दो धनायन एक$-$दूसरे को $3.7 \times 10^{-9}$ न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं जबकि उनके बीच की दूरी $5 \mathring A$ है। प्रत्येक आयन में सामान्य अवस्था की तुलना में कितने इलेक्ट्रॉन कम हैं?
दो बिन्दु आवेश 5 µC तथा- 5 µC एक-दूसरे से 1 सेमी. की दूरी पर रखे हैं। इनके मध्य बिन्दु से 0.30 मीटर की दूरी पर (i) अक्षीय स्थिति में, (ii) निरक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना कीजिए।
समान प्रकृति के दो q आवेश परस्पर d दूरी पर स्थित हैं, इनको मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर तीसरा आवेश Q कूलॉम का रखा है। Q के किस मान के लिए निकाय संतुलन में होगा?
दो विद्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोले '$A$' एवं '$B\ $' जो आकार में सर्वसम हैं, के केन्द्रों के बीच की दूरी $50$ सेमी. तथा दोनों पर पृथक$-$पृथक आवेश $6.5\times 10^{-7} C$ है। इसी आकार का एक तीसरा अनावेशित गोला '$C\ $' सर्वप्रथम पहले गोले '$A$' के सम्पर्क में तत्पश्चात् दूसरे गोले '$B\ $' के सम्पर्क में लाकर अन्ततः दोनों से ही हटा लिया जाता है, तब '$A$' व '$B\ $' गोलो के मध्य लगने वाले प्रतिकर्षण बल का मान ज्ञात करो।
धातु के एक पतले खोखले गोले (गोलीय कोश) की त्रिज्या 30 सेमी. तथा उस गोलीय कोश पर 500 µC का आवेश है। कोश के केन्द्र से (i) 1 मीटर की दूरी पर, (ii) 30 सेमी. दूरी पर, (iii) 10 सेमी. दूरी पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
1 µC के अनन्त आवेश x अक्ष पर x = 1, 2, 4,8,…. $\infty$ स्थितियों पर रखे हैं। यदि 1C का आवेश मूल बिन्दु पर 8, स्थित है तो इस पर आरोपित कुल बल का मान बताइए।
दो परमाणुओं को आयन बनाने के लिए उनमें प्रत्येक से 2 इलेक्ट्रॉन निकाले गये हैं। इन आयनों को निर्वात में रखने पर ये एक-दूसरे को 3.7 × 10-9 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं। उनके बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
समरूप विद्युत क्षेत्र $1.6 \times 10^5 \ V/m$ में स्थित $a$ कण का द्रव्यमान $6.4 \times 10^{-27}\ Kg$ है तथा आवेश $3.2 \times 10^{-19} C$ है। विराम स्थिति में $2 \times 10^{-2}m$ का पथ तय करने के बाद कण का वेग क्या होगा ?
एक $10$ सेमी. व्यास के गोले को आवेशित किया जाता है जिससे इसके पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $5 \times 10^6$ वोल्ट प्रति मीटर हो जाती है। गोले के केन्द्र से $25$ सेमी. दूरी पर स्थित $5 \times 10^{-2}$ माइक्रो कूलॉम आवेश पर कितना बल लगेगा?
एक $17.7 \times 10^{-4}$ कूलॉम का वैद्युत आवेश $200$ मीटर क्षेत्रफल की बड़ी पतली चादर पर समान रूप से फैला हुआ है। इससे $20$ सेमी. की दूरी पर वायु में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
त्रिज्या r तथा लम्बाई l के एक बेलनाकार पृष्ठ में आवेश घनत्व $\lambda$तथा अनन्त लम्बाई का पतला, सीधा चालक तार परिबद्ध है। बेलनाकार पृष्ठ की अक्ष तार की लम्बाई से संपाती है।बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
. L मीटर भुजा का वर्गाकार पृष्ठ कागज के तल में रखा हुआ है। एक समानविधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ भी कागज के तल में ही है तथा यह चित्रानुसार, पृष्ठ के निचले आधे भाग तक ही सीमित है। तल से बद्ध वैद्युत फ्लक्स कितना होगा?
विधुत द्विध्रुव तथा द्विध्रुव आघूर्ण को परिभाषित करते हुए द्विध्रुव की निरक्ष (विषुवतीय तल) पर स्थित किसी बिन्दु पर क्षेत्र की तीव्रता के लिए आवश्यक सूत्र ज्ञात कीजिए।
स्थिर वैद्युतिकी के लिए गाउस नियम का कथन लिखिए। चित्र बनाकर एक समान आवेशित अनन्त समतल चादर के कारण इसके नजदीक किसी बिन्दु पर विधुत क्षेत्र के लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
सिद्ध कीजिए कि अनन्त विस्तार की आवेशित परत के कारण उसके निकट किसी बिन्दु पर विधुत क्षेत्र का मान पृष्ठ के क्षेत्रफल तथा परत से दूरी पर निर्भर नहीं करता है। अर्थात् परत के निकट बिन्दुओं पर विधुत क्षेत्र एकसमान रहता है।###गाउस का नियम लिखिए। इस नियम के अनुप्रयोग से एकसमान आवेशित अनन्त समतल चादर के कारण चादर के समीप स्थित किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र का मान ज्ञात कीजिए। ###गाउस नियम का उपयोग करके यह दर्शाइए कि किसी एकसमान आवेशित अनन्त समतल चादर के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र$\overrightarrow{ E }=\frac{\sigma}{2 \epsilon_0} \hat{ n }$में से व्यक्त होता है। यहाँ प्रतीकों के अपने सामान्य अर्थ हैं।
(ii) 12 सेमी. त्रिज्या वाले गोलीय चालक के पृष्ठ पर $1.6 \times 10^{-7}$ Cआवेष एक समान रूप से वितरित है। गोले के अन्दर गोले के ठीक बाहर गोले के केन्द्र से 18 सेमी दूरी पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षत्रे क्या होगा।
(i) दो विद्युतरोधी आवेषित गोले A तथा B जो आकार में सर्वसम हैं, के केन्द्रों के बीच की दूरी 50 सेमी. तथा दोनों पर पृथक-पृथक $6.5 \times 10^{-7}$ Cआवेष हैं। इसी प्रकार का एक अनावेषित गोला C सर्वप्रथम पहले गोले के सम्पर्क में तत्पष्चात दूसरे गोले के सम्पर्क में लाकर अन्ततः दोनों से हटा लिया जाता है। तब A तथा Bगोलों के मध्य लगने वाले प्रतिकर्षण बल का मान ज्ञात करो।
एक समानावेषित गोलीय कोष के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिकलन कीजिए जबकि बिन्दु स्थित है - (a) कोष के बाहर (b) कोष के पृष्ठ पर (c) कोष के अन्दर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का कोष के केन्द्र से दूरी के साथ परिवर्तन का आलेख भी दीजिए।
किसी बिन्दु पर स्थिर$-$वैद्युत की परिभाषा लिखिए। इसका $S.I.$ मात्रक भी लिखिए।
चित्र में दर्शाए अनुसार तीन बिन्दु आवेशों $q _1, q _2$ और $q_3$ क्रमशः बिन्दु $A, B$ और $C$ पर रखे हैं। इस निकाय की स्थिर$-$वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
त्रिज्या R के पतले गोलीय खोल का एकसमान पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma$ है। इसके कारण निम्नलिखित परिस्थितियों में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिकलन कीजिए- (i) खोल के बाहर विद्युत क्षेत्र (ii) खोल के भीतर विद्युत क्षेत्र।
दो वैद्युत आवेश $+ Q$ तथा $Q (x - y)$ तल में क्रमशः बिन्दुओं $(- x_2, 0)$ तथा $(x_1, 0)$ पर रखे हैं। मूल बिन्दु $(0,0)$ पर परिणामी वैद्युत क्षेत्र का परिमाण तथा दिशा ज्ञात कीजिए।
कूलॉम बल (F) का (r) के साथ विचरण का ग्राफ खींचिये। जहाँ r प्रत्येक आवेश युग्म (1µC, 2C) तथा (2µC, -3µC) के दोनों आवेशों के बीच की दूरी है। प्राप्त ग्राफ की विवेचना कीजिए।
गाउस का प्रमेय क्या है? इसकी सहायता से अनच लम्बाई के समान रूप से आवेशित रेखीय चालक के निकट किसी बिन्द पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता के लिए व्यंजक प्राप्तकीजिए। ###आवश्यक चित्र बनाकर गाउस के नियम की सहायता से अनन्त लम्बाई के आवेशित तार के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिकलन कीजिए। दूरी के साथ तीव्रता में परिवर्तन को आलेखित कीजिए।###गाउस के नियम को परिभाषित कीजिए। इसकी सहायता से अनन्त विस्तार के समरूप आवेशित रेखीय चालक से r दूरी पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता का मान ज्ञात कीजिए। आवश्यक चित्र भी बनाइए और दूरी के साथ विधुत क्षेत्र के परिवर्तन का आलेख भी बनाइए।
विधुत फ्लक्स की परिभाषा लिखिए। गाउस के नियम द्वारा किसी एक समान रूप से आवेशित अनन्त विस्तार के सीधे तार - के कारण किसी बिन्दु पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक प्राप्त कीजिए। आवश्यक चित्र बनाइए।
कूलॉम के नियम को प्रतिपादित कीजिए। इस नियम के आधार पर आवेश के मात्रक कूलॉम की परिभाषा लिखिए। यदि आवेशों के मध्य माध्यम हो तो विधुत बल माध्यम के साथ किस प्रकार बदलेगा?
विधुत क्षेत्र की तीव्रता से क्या अभिप्राय है? इसका मात्रक एवं विमीय सूत्र लिखिए। बिन्दुवत् आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक ज्ञात कीजिए। विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E और दूरी r के मध्य आलेख खींचिए।
स्थिर-विधुतकी में गाउस का नियम लिखिए। उपयुक्त उदाहरण की सहायता से चित्र सहित यह दर्शाइए कि निर्वात में किसी बन्द पृष्ठ में बिन्दु आवेश 'q' के कारण बहिर्मुखी फ्लक्स पृष्ठ के आकार और आकृति पर निर्भर नहीं करता और इसका परिमाण q/६० होता है।
दो आवेश जिनमें प्रत्येक का आवेश + q है, एक-दूसरे से '2a' दूरी पर स्थित हैं। कोई तीसरा आवेश 2q इन दोनों के मध्य बिन्दु पर स्थित है। इन निकाय की स्थितिज ऊर्जा है-
एक समान्तर प्लेट संधारित्र को सर्वप्रथम आवेशित किया जाता है। फिर इसकी प्लेटों के बीच परावैद्युतांक की पट्टिका रखी जाती है। अपरिवर्तित रहने वाली राशि है
एक संधारित्र को बैटरी द्वारा आवेशित करके बैटरी को विच्छेद कर देते हैं। संधारित्रों के पट्टिकाओं के बीच डाइ-इलैक्ट्रिक (परावैद्युत) पट्ट सरकाते हैं, जिसके फलस्वरूप
विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर विभव अधिकतम तथा न्यूनतम होगा जब द्विध्रुव अक्ष तथा बिन्दु व द्विध्रुव को मिलाने वाली रेखा के मध्य कोण क्रमषः हों
दो सर्वसम लघु चालक गेंदों $B_1$और $B_2$ को क्रमशः $-7 pC.$ और $+ 4 PC$ आवेश दिए गए हैं। इन दोनों को किसी तीसरी सर्वसम गेंद $B_3$ द्वारा सम्पर्क में लाकर फिर पृथक कर दिया गया है। अब यदि सभी गेंदों पर अन्तिम आवेश $- 2 pC$ है, तो $B_3$ पर प्रारम्भिक आवेश क्या था$?$
$C_1$ तथा $C_2$ धारिता के दो संधारित्रों के समान्तर संयोजन को $Q$ आवेश दिया जाता है। $C_1$ पर $Q_1$ तथा $C_2$ पर $Q_2 $आवेश होने पर $\frac{ Q _1}{ Q _2}$ का अनुपात होगा$-$
समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य के स्थान के आधे भाग में $\epsilon_{ r }$, परावैद्युतांक माध्यम भरा हुआ है। यदि हवा वाले भाग की धारिता C है तो सम्पूर्ण संधारित्र निकाय की धारिता होगी-
एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों के बीच समरूप क्षेत्र $E$ वोल्ट/मीटर है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी $d ($मी$)$ तथा प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A ($मी$^2)$ है तो उसमें संचित कुल ऊर्जा है$-$
एक C धारिता का तथा दूसरा$\frac{C}{2}$ धारिता का संधारित्र एक V वोल्ट की बैटरी से चित्र के अनुसार जोड़े गये हैं। दोनों संधारित्रों को पूर्णतया आवेशित करने में किया गया कार्य है-
एक समान त्रिज्या एवं समान आवेशयुक्त पानी को 27 छोटी बूंदें मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती हैं। बड़ी बूंद की धारिता तथा एक छोटी बूंद की धारिता का अनुपात होगा-
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