उदग्र तल में चालक तार की वृत्ताकार कुंडली रखी हुई है। इसकी ओर एक छड़ चुम्बक लाया जा रहा है। चुम्बक का उत्तरी ध्रुव कुंडली की ओर है। चुम्बक की तरफ से देखने पर कुंडली में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा होगी
एक वृत्ताकार लूप की त्रिज्या $R$ है, जिसमें। धारा प्रवाहित हो रही है तथा जिसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $\mathrm{B}$ है। वृत्त के अक्ष पर उसके केन्द्र से कितनी दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $\mathrm{B} / 8$ होगा
किसी बन्द परिपथ का प्रतिरोध 10 ओम है। इस परिपथ से $\mathrm{t}$ समय (सेकेण्ड) में, चुम्बकीय फ्लक्स (वेबर में) $\phi=6 t 2-5 t+1$ से परिवर्तित होता है। $t=0.25$ सेकेण्ड पर परिपथ में प्रवाहित धारा (एम्पियर में) होगी
कुछ वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि पृथ्वी पर नाभिकीय विश्व युद्ध के बाद प्रचंड नाभिकीय शीतकाल होगा जिसका पृथ्वी के जीवों पर विध्वंसकारी प्रभाव पड़ेगा। इस भविष्यवाणी का क्या आधार होगा?
प्रकाशीय तथा रेडियो दूरदर्शी पृथ्वी पर निर्मित किए जाते हैं किन्तु X-किरण खगोलविज्ञान का अध्ययन पृथ्वी का परिभ्रमण कर रहे उपग्रहों द्वारा ही सम्भव है। क्यों?
3 m की दूरी पर स्थित किसी 100 W बल्ब से आ रहे विकिरण द्वारा उत्पन्न विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्रों की गणना कीजिए। आप यह जानते हैं कि बल्ब की दक्षता 2.5% है और यह एक बिंदु स्रोत है।
वैद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों की पारिभाषिकी पाठ्यपुस्तक में दी गई है। सूत्र E = h$\nu$ (विकिरण के एक क्वांटम की ऊर्जा के लिए : फोटॉन) का उपयोग कीजिए तथा em वर्णक्रम के विभिन्न भागों के लिए लिए eV के मात्रक में फोटॉन की ऊर्जा निकालिए। फोटॉन ऊर्जा के जो विभिन्न परिमाण आप पाते हैं वे वैद्युतचुम्बकीय विकिरण के रत्रोतों से किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
एक समतल वैद्युतचुम्बकीय तरंग निर्वात में z-अक्ष के अनुदिश चल रही है। इसके विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों के सदिश की दिशा के बारे में आप क्या कहेंगे? यदि तरंग की आवृत्ति 30 MHz हो तो उसकी तरंगदैर्घ्य कितनी होगी?
$10^{-10}$ मी. तरंगदैर्घ्य की $X-$किरणों, $6800 \mathring A$ तरंगदैर्घ्य के प्रकाश, तथा $500$ मी. की रेडियो तरंगों के लिए किस भौतिक राशि का मान समान है$?$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र $R = 6.0$ सेमी. त्रिज्या की दो वृत्ताकार प्लेटों से बना है और इसकी धारिता $C = 100\ pF$ है। संधारित्र को $230V,300\ rad$ से$^{-1}$ की $($कोणीय$)$ आवृत्ति के किसी स्रोत से जोड़ा गया है।
चालन धारा का rms मान क्या है$?$
क्या चालन धारा विस्थापन धारा के बराबर है$?$
प्लेटों के बीच, अक्ष से $3.0$ सेमी. की दूरी पर स्तिथ बिन्दु पर $B$ का आयाम ज्ञात कीजिए
वैद्युतचुम्बकीय विकिरण से सम्बन्धित नीचे कुछ प्रसिद्ध अंक, भौतिकी में किसी अन्य प्रसंग में वैद्युतचुम्बकीय दिए गए हैं। स्पेक्ट्रम के उस भाग का उल्लेख कीजिए जिससे इनमें से प्रत्येक सम्बन्धित है।
21 सेमी. (अंतरातारकीय आकाश में परमाण्वीय हाइड्रोजन द्वारा उत्सर्जित तरंगदैर्घ्य)।
1057 MHz (लैंब-विचलन नाम से प्रसिद्ध, हाइड्रोजन में, पास जाने वाले दो समीपस्थ ऊर्जा स्तरों से उत्पन्न विकिरण की आवृत्ति)।
2.7 K [सम्पूर्ण अंतरिक्ष को भरने वाले समदैशिक विकिरण से सम्बन्धित ताप-ऐसा विचार जो विश्व में बड़े धमाके 'बिग बैंग' के उद्भव का अवशेष माना जाता है।]
5890 $\overset oA$ - 5896 $\overset oA$(सोडियम की द्विक रेखाएँ)।
14.4 KeV $\mid{ }^{57}$ Fe नाभिक के एक विशिष्ट संक्रमण की ऊर्जा जो प्रसिद्ध उच्च विभेदन की स्पेक्ट्रमी विविध से सम्बन्धित है (मॉसबोर स्पेक्ट्रोस्कॉपी)।।
em वर्णक्रम के विभिन्न भागों के लिए लाक्षणिक ताप परिसरों को ज्ञात करने के लिए $\lambda_{\mathrm{m}}$T = 0.29 सेमी. K सूत्र का उपयोग कीजिए। जो संख्याएँ आपको मिलती हैं वे क्या बतलाती हैं?
कल्पना कीजिए कि निर्वात में एक वैद्युतचुम्बकीय तरंग का विद्युत क्षेत्र E = $\{(3.1 \mathrm{~N} / \mathrm{C}\} \cos \mid(1.8 \mathrm{rad} / \mathrm{m}) \mathrm{y}+$ $(5.4 \times 10^{6} \mathrm{rad} / \mathrm{s}) t] \hat{i}$ है।
$18W/cm^2$ के ऊर्जा फ्लक्स का प्रकाश किसी अपरावर्तक सतह पर अभिलंबवत आपतित होता है। यदि सतह का क्षेत्रफल $20 \ cm^2$ हो तो $30$ मिनट की समयावधि में सतह पर लगने वाले औसत बल का परिकलन कीजिए।
25 MHz आवृत्ति की एक समतल वैद्युतचुंबकीय तरंग निर्वात में x-दिशा के अनुदिश गतिमान है। दिक्काल (space) में किसी विशिष्ट बिंदु पर इसका E = 6.3 $\hat{{j}}$ V/m है। इस बिंदु पर B का मान क्या है?
एक समांतर प्लेट संधारित्र जिसकी वृत्ताकार प्लेटों की त्रिज्या $1 m$ है, धारिता $1\ nF$ है। समय $t = 0$ पर इसको आवेशित करने के लिए $R = 1 M \Omega$ के एक प्रतिरोधक के साथ श्रेणीक्रम में $2 V$ की बैटरी से जोड़ा गया है। $10^{-3 }s$ के पश्चात संधारित्र के बीच में दोनों प्लेटों के केंद्र एवं उनकी परिमिति के ठीक मध्य में स्थित बिंदु $P$ पर चुंबकीय क्षेत्र का परिकलन कीजिए। $[$क्षण $t$ पर संधारित्र पर आवेश $q(t) = CV[1 - exp(-t/\tau)]$ होता है, जहाँ समय नियतांक $\tau = CR$ है$]$।
किसी सघन माध्यम में क्रान्तिक कोण को निम्नलिखित से व्यक्त किया जाता है, $\theta_{ c }=\tan ^{-1}\left(\frac{3}{4}\right)$ सघन माध्यम का अपवर्तनांक विरल माध्यम के सापेक्ष है
किसी सघन माध्यम में क्रांतिक कोण व्यक्त होता है $-\theta_{ c }=$ $\tan ^{-1}\left(\frac{5}{7}\right)$ सघन माध्यम का अपवर्तनांक विरल माध्यम के सापेक्ष है
$R$ वक्रता त्रिज्या तथा $n _1$ अपवर्तनांक का एक समतल-उत्तल लेन्स $R$ वक्रता त्रिज्या तथा $n_2$ अपवर्तनांक के समतल-अवतल लेन्स के सम्पर्क में चित्रानुसार रखे जाते हैं। संयुक्त लेन्स की क्षमता -
एक प्रिज्म का अपवर्तन कोण $60^{\circ}$ है। जब प्रकाश की एक किरण $50^{\circ}$ पर आपतित होती है, तो इसमें अल्पतम विचलन होता है। अल्पतम विचलन कोण का मान है
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