1. राजाओं, नवाबों की छिनती सत्ता- भारत में अब भी शासन मुगल बादशाह के नाम पर चलता था। इस नामधारी मुगल सम्राट का सम्मान देश की एकता का प्रतीक था। लेकिन कम्पनी ने मुगलों के शासन को खत्म करने की भी पूरी योजना बना ली थी। कम्पनी द्वारा जारी सिक्कों पर से मुगल बादशाह का नाम हटा दिया गया। 1849 में यह घोषणा कर दी कि बहादुरशाह की मृत्यु के बाद लाल किला खाली करा लिया जायेगा और शाहजादे को इस पदवी के प्रयोग पर रोक लगा दी जायेगी। इससे जनता में असन्तोष भड़क गया। दूसरी तरफ, डलहौजी की विलय नीति के कारण सतारा, झाँसी, नागपुर और दूसरे राज्यों को अंग्रेजों ने हथिया लिया। पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र नाना साहब की पेंशन बन्द करा दी जिससे नाना साहब और अन्य राज्य अंग्रेजों के शत्रु हो गए।
2. किसान और सिपाही में गुस्सा - गाँवों में किसान और जमींदार भारी भरकम लगान और कर वसूली के सख्त तौर-तरीकों से परेशान थे। बहुत सारे लोग महाजनों से लिया गया कर्ज नहीं लौटा पा रहे थे जिससे उनकी पीढ़ियों पुरानी जमीनें उनके हाथ से निकलती जा रही थी। अकाल और गरीबी के कारण भी किसानों में असन्तोष था। ऊपर से जबरन लगान वसूली भी समस्या बन गयी।
कम्पनी के तहत काम करने वाले भारतीय सिपाही अपने वेतन, भत्तों और सेवा शर्तों के कारण परेशान थे। कई नये नियम उनकी धार्मिक भावनाओं और आस्था को ठेस पहुँचाते थे। सिपाही गाँवों के हालात से भी परेशान थे। सेना से हटाये गये सैनिक बेरोजगारी के कारण अंग्रेजों के शत्रु हो गये। भारतीयों को उच्च पद पर नियुक्त नहीं किया गया तथा उन्हें अंग्रेज कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा था।
कम्पनी के तहत काम करने वाले भारतीय सिपाही अपने वेतन, भत्तों और सेवा शर्तों के कारण परेशान थे। कई नये नियम उनकी धार्मिक भावनाओं और आस्था को ठेस पहुँचाते थे। सिपाही गाँवों के हालात से भी परेशान थे। सेना से हटाये गये सैनिक बेरोजगारी के कारण अंग्रेजों के शत्रु हो गये। भारतीयों को उच्च पद पर नियुक्त नहीं किया गया तथा उन्हें अंग्रेज कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा था।
3. सामाजिक और धार्मिक कारण- अंग्रेज भारतीयों को घृणा से देखते थे। भारतीय परम्परावादी लोग शिक्षा के प्रसार से अपना प्रभाव कम होने की शंका करने लगे। हिन्दू और मुसलमानों के रीति-रिवाजों की खुली निन्दा की जाने लगी। भारतीयों को यकीन हो गया था कि अंग्रेज उनका धर्म, उनके सामाजिक रीति-रिवाज तथा परम्परागत जीवनशैली को नष्ट कर रहे थे।
उक्त सभी कारणों से देश में 1857 का विद्रोह फैल गया।