(1) मेरठ के विद्रोही सिपाही यह सोच रहे थे कि अंग्रेजों के जाने के बाद देश का शासन कौन चलाएगा। उन्होंने मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर को देश का शासक बनाने का फैसला किया।
(2) मेरठ के कुछ सिपाहियों की एक टोली 10 मई की रात को घोड़ों पर सवार होकर सुबह जल्दी ही दिल्ली पहुँच गई। जैसे ही उनके आने की खबर फैली, दिल्ली में तैनात टुकड़ियों ने भी बगावत कर दी। यहाँ भी अंग्रेज अफसर मारे गए।
(3) देशी सिपाहियों ने हथियार व गोला-बारूद कब्जे में ले लिया और इमारतों को आग लगा दी। विजयी सिपाही लाल किले की दीवारों के आसपास जमा हो गए। वे बादशाह से मिलना चाहते थे। बादशाह अंग्रेजों की भारी ताकत से दो-दो हाथ करने को तैयार नहीं थे लेकिन सिपाही भी अड़े रहे। आखिरकार वे जबरन महल में घुस गए और उन्होंने बहादुरशाह जफर को अपना नेता घोषित कर दिया।