19वीं सदी में इंगलैंड के शहरवासियों के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजन की व्यवस्था की गयी। मशीनी जीवन व्यतीत करने के साथ-साथ रविवार एवं छुट्टियों का दिन आराम और मनोरंजन में व्यतीत करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने अलग-अलग रास्ते ढूँढे। 18वीं सदी के अंतिम दशक से तीन-चार सौ घनी एवं संभ्रात परिवार के लोगों के मनोरंजन के लिए अपेक्ष, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। 19वीं सदी में । मनोरंजन का एक प्रमुख केन्द्र शराबखाना था। रेलवे का आरंभ होने के पूर्व शराबखानों में लोग घोड़ा गाड़ियों से आते थे। शराबखाने सामान्यतः घोड़ागाड़ियों के रास्ते में स्थापित किए गए। इनमें मुसाफिर आकार ठहरते थे और रात्रि विश्राम भी करते थे। ये मुगलकालीन भारत में प्रचलित सराय के समान थे। जब रेल और बस का उपयोग बढ़ा तो घोड़ागाड़ियों का व्यवहार कम हो गया। अब शराबखाने रेलवे स्टेशन और बस पड़ावों के निकट बनाए गए।
19वीं शताब्दी से लंदनवासियों को अपने इतिहास की जानकारी देने के लिए संग्रहालय एवं कला दीर्घाएँ सरकार द्वारा खोली गई। पुस्तकालय भी स्थापित किए गए जो एक ही साथ मनोरंजन एवं ज्ञान-वर्द्धन के केन्द्र बन गए। 1810 में संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क समाप्त कर देने से दर्शकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। लाखों लोग इन संग्रहालयों में आने लगे। समाज के निम्न तबके । के लोग अपने मनोरंजन के लिए संगीत सभा का आयोजन करते थे।