शहरीकरण का इतिहास काफी पुराना है। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ शहरों का भी उदय और विकास हुआ। सुमेर (मेसोपोटामिया), हड़प्पा (भारत-पाकिस्तान) रोम और यूनानी सभ्यताओं में अनेक नगर विकसित हुए। मध्यकालीन और आधुनिक काल में भी शहरीकरण की प्रक्रिया जारी रही। प्राचनी, मध्यकालीन और आधुनिक शहरों के स्वरूप में अंतर देखा जा सकता है। इन सभी शहरों की एक साझा विशेषता थी कि नगर गैर-कृषक उत्पादन व्यवसाय व्यापार के केन्द्र थे। शहरों की जीवन-शैली ग्रामों से भिन्न थी शहरों में नगरी जीवन एवं संस्कृति का विकास हुआ।
शहरीकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके अंतर्गत गाँव, छोटे कस्बे, शहर, नगर और महानगर में तब्दील हो जाते हैं। शहरों के उदय और विकास में अनेक कारणों का योगदान रहा है। इनमें आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक कारण प्रमुख हैं।
शहरीरकण के सहायक तत्व-आधुनिक शहरों के उदय में तीन तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये हैं-
- औद्योगिक पूँजीवाद का उदय
- उपनिवेशवाद का विकास तथा
- लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। शहरीकरण ने आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला।