शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
व्यवसायी वर्ग ने अपने व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु वाणिज्यिक कार्यस्थलों, जन परिवहन प्रणाली औद्योगिक केन्द्रों इत्यादि की स्थापना करना प्रारंभ किया जिससे धीरे-धीरे वहाँ की आबादी बढ़ने लगी, सामाजिक परिवर्तन होने लगा और छोटा-सा क्षेत्र शहर में तब्दील होने लगा।
मध्यम वर्ग धीरे-धीरे एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरने लगा। इस वर्ग से शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स इत्यादि विभिन्न पदों पर लोग आसीन होने लगे। इनकी आर्थिक स्थिति उन्नत होने लगी जिससे सामाजिक जीवन में परिवर्तन आया और शहरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हुई।
गांव के किसान और मजदूर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर पलायन करने लगे जिससे शहरीकरण की प्रक्रिया को बल मिला।