उमर लंदन शहर का जब विस्तार हुआ तब यह शहर इतना विशालकाय हो गया कि लोगों को अपने कार्यस्थल पर पैदल पहुंचना मुश्किल होने लगा। लंदन में बाहर से आनेवाले को भी यहाँ पहुँचना मुश्किल हो रहा था। इसलिए परिवहन के साधनों के विकास के अंतर्गत भूमिगत रेलवे के विकास की योजना बनाई गई। इसका सबसे बड़ा लाभ यह था कि लोग उपनगरीय बस्तियों से सुविधापूर्वक लंदन आकर अपना काम कर सकते थे। इसका दूसरा लाभ यह था कि भूमिगत रेलवे की सुविधा होने से लंदन पर आबादी का बोझ कम हो जाता। इसलिए 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में लंदन में भूमिगत रहा था विकास किया गया। लंदन में ही विश्व की पहली भूमिगत रेल बनी। इसका आरंभ 10 जनवरी 1863 को हुआ। यह रेल लाइन लंदन के पैडिंग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई।
लेकिन भूमिगत रेलवे के विकास के साथ लोगों द्वारा इसकी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की गई। आरंभ में लोगों को भूमिगत रेल से यात्रा करना असुविधाजनक और भयभीत कर देनेवाला लगता था। अखबार में एक पाठक ने भूमिगत रेल में अपनी यात्रा का अनुभव करते हुए लिखा था कि भूमिगत रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए। ये स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरा है। इसी तरह की निराशाजनक प्रतिक्रिया कुछ अन्य लोगों की भी थी। उनका कहना था कि “इन लौह दैत्यों ने शहर की अफरातफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया है।” विख्यात अंग्रेजी उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस भी अपने उपन्यास ‘डॉम्बी एंडवसन’ में भूमिगत रेलवे द्वारा लाएगा विनाश का उल्लेख करते हैं। भूमिगत रेल निर्माण से गरीब तबकों पर बुरा असर पड़ा। अनुमानतः दो मील लम्बी लाइन बिछाने के लिए नौ सौ घर गरीबों के गिरा दिए जाते थे। इस प्रकार भूमिगत रेलवे के निर्माण द्वारा बड़ी संख्या में गरीबों की बस्तियाँ उजाड़ी जा रही थी।