$2.1 V$ का एक सेल, $10 \Omega$ के बाह्न प्रतिरोध से $0.2 A$ धारा प्रवाहित करात है, तो इस सेल का आंतरिक प्रतिरोध होगा $-$
[2013]
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दिया है : $\operatorname{emf} \varepsilon=2.1 V$
$ I =0.2 A , R =10 \Omega $
आंतरिक प्रतिरोध $r =$ ?
सूत्र से
$ \varepsilon- Ir = V = IR$
$2.1-0.2 r =0.2 \times 10$
$2.1-0.2 r =2 $ or $ 0.2 r =0.1$
$\Rightarrow r =\frac{0.1}{0.2}=0.5 \Omega $
वैकल्पिक विधि : $i =\frac{\varepsilon}{ r + R } $
$\Rightarrow 0.2=\frac{2.1}{ r +10}$
$ \Rightarrow 2.1=0.2 r +2 $
$\Rightarrow r =\frac{1}{2}=0.5 \Omega $
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दो सैल जिनके वि.वा.ब. $4 V$ तथा $8 V$ एवं आंतरिक प्रतिरोध $1 \Omega$ तथा $2 \Omega$ है एक $9 \Omega$ के बाहय प्रतिरोध से जुड़े है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। बिन्दु $P$ तथा $Q$ के बीच विभवान्तर तथा धारा का मान होगा:
एक परिनालिका में $2000$ फेरे पास $-$ पास लपेटे गये हैं। इसकी अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1.5 \times 10^{-4} m ^2$ है और इसमें $2.0 A$ की विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। इसे लम्बाई के लम्बवत् अपने केन्द्र से इस प्रकार लटकाया गया है कि यह किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षैतिज समतल में घूम सके। चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $5 \times 10^{-2}$ टेसला है और यह परिनालिका के अक्ष से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है। परिनालिका पर बल आघूर्ण होगा
एक छात्र एक सैल (जिसका वि.वा.ब. (emf) $E$ है और आन्तरिक प्रतिरोध $r$ है) के टर्मिनलों के विभवांतर (V) का सैल में चल रही धारा (I) से सम्बन्ध जानने के लिए $V$ और I के बीच ग्राफ़ बनाता है। इस ग्राफ की प्रवणता और अंतः खण्ड क्रमानुसार होंगे :-
दो सेल समान वि.वा.ब. तथा $r _1, r _2,\left( r _1> r _2\right)$ आन्तरिक प्रतिरोध के हैं जो बाहय प्रतिरोध $R$ के साथ श्रेणी क्रम में जुड़े है। बंद परिपथ में पहले सेल का विभवांतर शून्य है तो $R$ का मान :