$30^{\circ}$ वायुमंडलीय दाब तथा $27^{\circ} C$ पर एक गैस को $1$ वायुमंडलीय दाब तक प्रसारित किया गया । यदि आयतन प्रारम्भिक आयतन का $10$ गुना हो तो अन्तिम ताप होगा।
[2001]
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$(d)$ दिया है गैस का प्रारंभिक तापमान
$\left( T _1\right)=27^{\circ} C =300 K$
प्रारंभिक दाब $\left( P _1\right)=30 \ atm$
प्रारंभिक आयतन $\left( V _1\right)= V$
अंतिम दाब $\left( P _2\right)=1 \ atm$
अंतिम आयतन $\left( V _2\right)=10 V$.
हम जानते है कि व्यापक गैस समीकरण से
$ \frac{ P _1 V _1}{ T _1}=\frac{ P _2 V _2}{ T _2}$ or $\frac{30 \times V }{300}$
$=\frac{1 \times 10 V }{ T _2}$
or $ T _2=100 K =-173^{\circ} C . $
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नियत दाब पर एक एक परमाण्विक आइडियल गैस के एक मोल का ताप $10 K$ बढ़ाने के लिए $207 J$ ऊष्मा की आवश्यकता है। इसी गैस के नियत आयतन पर $10 K$ तापमान वृद्वि के लिए आवश्यक ऊष्मा है $( R = 8.3$ जूल/मोल $K )$
दो बर्तनों $A$ तथा $B$ में थोड़ा पानी भरकर बंद कर दिया गया । $A$ का आयतन $B$ से दोगुना है तथा $A$ में पानी का आयतन $B$ से आधा है । यदि दोनों का तापमान समान हो तो दोनों में वाष्प के दाब का अनुपात होगा:
एक समान तापमान पर दो पात्रों में से एक में आदर्श गैस $A$ तथा दूसरे में आदर्श गैस $B$ भरी है। गैस $A$ का दाब गैस $B$ के दाब का दो गुना है। इन दशाओं के अन्तर्गत गैस $A$ का घनत्व गैस $B$ के घनत्व से $1.5$ गुना पाया जाता है, तो $A$ तथा $B$ के अणुभारों का अनुपात होगा:
ताप $27^{\circ} C$ और दाब $1.0 \times 10^5 Nm ^{-2}$ पर किसी दिए गए द्रव्यमान की गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल (\text{r.m.s}) वेग $200 \ ms ^{-1}$ है। जब इस गैस के ताप और दाब क्रमशः $127^{\circ} C$ और $0.05 \times 10^5 \ Nm ^{-2}$ है, तो $ms ^{-1}$ में इस गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग है :