1. एक न्यूट्रॉन, जिसकी गतिज ऊर्जा 150 eV है, का डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य प्राप्त कीजिए। इतनी ऊर्जा का इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज क्रिस्टल विवर्तन प्रयोग के लिए उपयुक्त है। क्या समान ऊर्जा का एक न्यूट्रॉन किरण-पुंज इस प्रयोग के लिए समान रूप में उपयुक्त होगा? स्पष्ट कीजिए। $\left(m_{n}=1.675 \times 10^{-27} \mathrm{~kg}\right)$ 
  2. कमरे के सामान्य ताप $\left(27^{\circ} \mathrm{C}\right)$ पर ऊष्मीय न्यूट्रॉन से जुड़े डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। इस प्रकार स्पष्ट कीजिए कि क्यों एक तीव्रगामी न्यूट्रॉन को न्यूट्रॉन-विवर्तन प्रयोग में उपयोग में लाने से पहले वातावरण के साथ तापीकृत किया जाता है।
Exercise - 11.32
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Similar Questions

  • 1
    एक इलेक्ट्रॉन, एक$ \alpha$-कण तथा एक प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा समान हैं। इनमें से किस कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य न्यूनतम होगी?
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  • 2
    1. एक निर्वात नली के तापित केंथाड से उत्साजत इलक्ट्रानी का उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में 500 V के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात् $e / m 1.76 \times 10^{11} \mathrm{C} \mathrm{kg}^{-1}$ है।
    2. संग्राहक विभव 10 MV के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो (i) में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
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  • 3
    निम्न धातुओं के कार्य-फलन निम्न प्रकार दिए गए हैं:
    Na: 2.75 eV; K: 2.30 eV; Mo: 4.17 eV; Ni: 5.15 eV। इनमें धातुओं में से कौन प्रकाश सेल से 1 मी. दूर रखे गए He−Cd लेसर से उत्पन्न 3300 $\overset oA$ तरंगदैर्घ्य के विकिरण के लिए प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन नहीं देगा? लेसर को सेल के निकट 50 सेमी. दूरी पर रखने पर क्या होगा?
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  • 4
    एक इलेक्ट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका
    1. संवेग,
    2. चाल और
    3. डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य क्या है?
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  • 5
    एक इलेक्ट्रॉन गन जिसका संग्राहक 100 V विभव पर है, एक कम दाब $\left(\sim 10^{-2} \mathrm{~mm} \mathrm{Hg}\right)$ पर हाइड्रोजन से भरे गोलाकार बल्ब में इलेक्ट्रॉन छोड़ती है। एक चुम्बकीय क्षेत्र जिसका मान 2.83$ \times 10^{-4} \mathrm{~T}$ है, इलेक्ट्रॉन के मार्ग को 12.0 सेमी. त्रिज्या के वृत्तीय कक्षा में वक्रित कर देता है। (इस मार्ग को देखा जा सकता है क्योंकि मार्ग में गैस आयतन किरण-पुंज को इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करके और इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण के द्वारा प्रकाश उत्सर्जन करके फोकस करते हैं; इस विधि को 'परिष्कृत किरण-पुंज नली' विधि कहते हैं।) आँकड़ों से $\mathrm{e} / \mathrm{m}$ का मान निर्धारित कीजिए।
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  • 6
    एक 100 W पारद (Mercury) स्रोत से उत्पन्न 2271 $\overset oA$ तरंगदैर्घ्य का पराबैंगनी प्रकाश एक मालिब्डेनम धातु से निर्मित प्रकाश सेल को विकिरित करता है। यदि निरोधी विभव -1.3 V हो, तो धातु के कार्य-फलन का आकलन कीजिए। एक $\mathrm{He}-\mathrm{Ne}$ लेसर द्वारा उत्पन्न 6328$\overset oA$ के उच्च तीव्रता $\left(\sim 10^{5} \mathrm{~W} / \mathrm{m}^{-2}\right)$के लाल प्रकाश के साथ सेल किस प्रकार अनुक्रिया करेगा?
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  • 7
    एक पारद लैंप, प्रकाश$-$विद्युत उत्सर्जन की आवृत्ति निर्भरता के अध्ययन के लिए एक सुविधाजनक स्रोत है, क्योंकि यह दृश्य$-$स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी $(UV)$ से लाल छोर तक कई वर्ण$-$रेखाएँ उत्सर्जित करता है। रूबीडियम प्रकाश सेल के हमारे प्रयोग में, पारद $($Mercury$)$ स्रोत की निम्न वर्णरेखाओं का प्रयोग किया गया:
    $\lambda_1 = 3650  \mathring A, \lambda_2 = 4047 \mathring A, \lambda_3 = 4358 \mathring A, \lambda_4 = 5461 \mathring A, \lambda_5 = 6907 \mathring A$,
    निरोधी वोल्टताएँ, क्रमशः निम्न मापी गई :
    $V_{01} = 1.28, V, V_{02} = 0.95\  V, V_{03} = 0.74\  V, V_{04} = 0.16\  V, V_{05} = 0 V$
    1. प्लैंक स्थिरांक $h$ का मान ज्ञात कीजिए।
    2. धातु के लिए देहली आवृत्ति तथा कार्य$-$फलन का आकलन कीजिए।
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  • 8
    आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक हो सकता है। पहली संख्या यह बताएगी कि रेडियो अभियांत्रिक फोटॉन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते। दूसरी संख्या आपको यह बताएगी कि हमारे नेत्र 'फोटॉनों की गिनती' क्यों नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ-साफ संसूचन योग्य हो।
    1. एक मध्य तरंग $($medium wave$)10\  kW$ सामर्थ्य के प्रेषी, जो $500\ m$ तरंगदैर्घ्य की रेडियो तरंग उत्सर्जित करता है, के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या।
    2. निम्नतम तीव्रता का श्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते हैं $\left(\sim 10^{-10} \mathrm{~W}\right.\mathrm{m}^{-2})$ के संगत फोटॉनों की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है। पुतली का क्षेत्रफल लगभग $0.4$ सेमी.$^2$और श्वेत प्रकाश की औसत आवृत्ति को लगभग $6 \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ मानिए।
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  • 9
    1. एक X-किरण नली विकिरण का एक संतत स्पेक्ट्रम जिसका लघु तरंगदैर्घ्य सिरा 0.45 $\overset oA$ पर है, उत्पन्न करता है। विकिरण में किसी फोटॉन की उच्चतम ऊर्जा कितनी है?
    2. अपने (i) के उत्तर से अनुमान लगाइए कि किस कोटि की त्वरक वोल्टता (इलेक्ट्रॉन के लिए) की इस नली में आवश्यकता है?
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  • 10
    632.8 nm तरंगदैर्घ्य का एकवर्णी प्रकाश एक हीलियम-नियॉन लेसर के द्वारा उत्पन्न किया जाता है। उत्सर्जित शक्ति 9.42 mW है।
    1. प्रकाश के किरण-पुंज में प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा तथा संवेग प्राप्त कीजिए,
    2. इस किरण-पुंज के द्वारा विकिरित किसी लक्ष्य पर औसतन कितने फोटॉन प्रति सेकंड पहुँचेंगे? (यह मान लीजिए कि किरण-पुंज की अनुप्रस्थ काट एकसमान है जो लक्ष्य के क्षेत्रफल से कम है) तथा
    3. एक हाइड्रोजन परमाणु को फोटॉन के बराबर संवेग प्राप्त करने के लिए कितनी तेज चाल से चलना होगा?
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