$50 \Omega$ प्रतिरोध के एक गैलवैनोमीटर को $3 V$ की बैट्री से इस तरह जोड़ा गया है कि $2950 \Omega$ का रोधक इससे श्रृंखलाबद्ध जुड़ा है। इस स्थिति में गैलवैनोमीटर में 30 प्रभागों का पूरी स्केल का विक्षेपन होता है। विक्षेपन को 20 प्रभाग का होने के लिए श्रृंखलाबद्ध प्रतिरोध को होना होगा :
[2008]
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(d) कुल आंतरिक-प्रतिरोध $=(50+2950)=3000 \Omega$ सेल का वि. वा. ब. $=3 V$
विधुत $-$ धारा $=\frac{\varepsilon}{ R }=\frac{3}{3000}=0.001 A$ $=1.0 mA$
$\because 30$ विभाजनों के पूर्ण-स्केल विक्षेपण (Full scale deflection) के लिए धारा $1.0 mA$ है, $\therefore 20$ विभाजनों के विक्षेपण के लिए धारा, $I =\frac{20}{30} \times 1=\frac{2}{3} mA$ माना कि प्रतिरोध $x$ है।
$
\therefore x =\frac{\varepsilon}{ I }=\frac{3 V }{\left.\left(\frac{2}{3} \times 10^{-3} A \right)\right)}=4500 \Omega
$
लेकिन गल्वानोमीटर का प्रतिरोध $50 \Omega$ है। अतः अतिरिक्त प्रतिरोध का मान $=(4500-50) \Omega=4450 \Omega$.
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किसी व्हीटस्टोन ब्रिज (सेतु) की चार भुजाओं $P, Q, R$ तथा $S$ के प्रतिरोध क्रमशः $10 \Omega, 30, \Omega, 30 \Omega, 90 \Omega$, हैं। इसमें जुड़े सेल का ई.एम.एफ. (e.m.f.) 7 वोल्ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध $5 \Omega$ है। यदि गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध $50 \Omega$ है तो सेल द्वारा प्रवाहित विद्युत धारा का मान होगा:
किसी ताप-वैद्युत युग्म का वोल्ट में ताप-विद्युत वाहक बल $E,{ }^{\circ} C$ में दोनों संधियों के बीच तापान्तर $\theta$ पर इस प्रकार निर्भर करता है $E=30 \theta-\frac{\theta^2}{15}$, इस ताप-वैद्युत युग्म का उदासीन ताप होगा
भारत में बिजली सप्लाई $220 V$ पर होती है तथा $\text{USA}$ में $110 V$ पर होती है। एक $60 W$ के बल्ब का प्रतिरोध भारत में $R$ है तो $\text{USA}$ में इसका प्रतिरोध में बताइये:$-$
एक नगर से विद्युत शक्ति को, 150 किमी दूर स्थित एक अन्य नगर तक, तांबे के तारों द्वारा भेजा जाता है। प्रति किलोमीटर विभव-पात 8 वोल्ट तथा प्रति किलोमीटर औसत प्रतिरोध $0.5 \Omega$ है, तो तार में शक्ति क्षय होगा
निम्नलिखित दो कथनों पर विचार कीजिये
(a) किरचॉंफ का संधि नियम, आवेश-संरक्षण से प्राप्त होता है।
(b) किरचॉंफ का पाश (लूप) नियम, उर्जा-संरक्षण से प्राप्त होता है।
निम्नांकित में से कौन सा ठीक (सही) है?