एक नगर से विद्युत शक्ति को, 150 किमी दूर स्थित एक अन्य नगर तक, तांबे के तारों द्वारा भेजा जाता है। प्रति किलोमीटर विभव-पात 8 वोल्ट तथा प्रति किलोमीटर औसत प्रतिरोध $0.5 \Omega$ है, तो तार में शक्ति क्षय होगा
[2014]
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(b) कॉपर तार का कुल विभवान्तर
$
=150 km \times 8 Vkm ^{-1}=1200 v
$
सम्पूर्ण तार का औसत प्रतिरोध $R$
$
=0.5 \Omega km ^{-1} \times 150 km =75 \Omega
$
तार में सामर्थ्य क्षति $( P )=\frac{ V ^2}{ R }=\frac{1200 \times 1200}{75}$
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सर्वसम विस्तार (माप) के धातु के दो तार श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। यदि इन तारों की चालकता क्रमशः $\sigma_1$ तथा $\sigma_2$ है तो, इनके इस संयोजन की चालकता होगी
निम्नलिखित दो कथनों पर विचार कीजिये
(a) किरचॉंफ का संधि नियम, आवेश-संरक्षण से प्राप्त होता है।
(b) किरचॉंफ का पाश (लूप) नियम, उर्जा-संरक्षण से प्राप्त होता है।
निम्नांकित में से कौन सा ठीक (सही) है?
दो सैल जिनके वि.वा.ब. $4 V$ तथा $8 V$ एवं आंतरिक प्रतिरोध $1 \Omega$ तथा $2 \Omega$ है एक $9 \Omega$ के बाहय प्रतिरोध से जुड़े है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। बिन्दु $P$ तथा $Q$ के बीच विभवान्तर तथा धारा का मान होगा:
एक सेल जिसका विद्युत वाहक बल (ई.एम.एफ) $\varepsilon$ तथा आन्तरिक प्रतिरोध $r$ है को एक परिवर्ती वाहय प्रतिरोध $R$ से जोड़ा जाता है। प्रतिरोध $R$ का मान बढ़ाया जाय तो, $R$ के सिरों के बीच विभवान्तर $V$ तथा $R$ का आलेख होगा:
दर्शाये गये परिपथ में दो सेलों $A$ तथा $B$ का प्रतिरोध नगण्य है, जब $V_A=12 V , R_1=500 \Omega$ तथा $R=100 \Omega$ है तो, गैल्वेनोमीटर $(G)$ में कोई विक्षेप नहीं होता है। $V_B$ का मान है :
भारत में बिजली सप्लाई $220 V$ पर होती है तथा $\text{USA}$ में $110 V$ पर होती है। एक $60 W$ के बल्ब का प्रतिरोध भारत में $R$ है तो $\text{USA}$ में इसका प्रतिरोध में बताइये:$-$