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प्रकाश का एक अभिसारी किरण पुंज किसी अपसारी लेंस पर आपतित होता है। लेंस से गुजरने के पश्चात, प्रकाश की किरणें लेंस के दूसरी ओर, उससे $15 \ cm$ दूरी पर, एक दूसरे का प्रतिच्छेदन करती है $($ काटती $)$ है। यदि लेंस को हटा दिया जाये तो किरणों का प्रतिच्छेदन बिन्दु, लेंस से $5 \ cm$ और पास (समीप) हो जाता है। तो, लेंस की फोकस दूरी है:
सामान्य नेत्त्र में कौर्निया $($स्वच्छ मंडल$)$ की अभिसारी शक्ति $40 D$ है तथा कार्निया के पीछे नेत्र लेंस की न्यूनतम अभिसारी शक्ति $20 D$ है। इस सूचना से नेत्र के रेटिना $($दृष्टिपटल$)$ तथा लेन्स के बीच की अनुमानित दूरी होगी:
सामान्य समायोजन की स्थिति में, किसी खगोलीय दूरदर्शक के अभिदश्यक लेंस के भीतरी भाग पर $L$ लम्बार्ई के एक काली सरता रेखा खिची गर्ई है। नेत्रिका इस सरल रेखा का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाती है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई $l$ है तो दूरदर्शक का आवर्थन है :