हमारे मतानुसार लोकतंत्र को पुनर्परिभाषित करने में निम्न बातों को जोड़ा जा सकता है-
जनता द्वारा चुने गये शासकों द्वारा ही प्रमुख फैसले लेना।
चुनाव में लोगों को वर्तमान शासकों को बदलने तथा अपनी पसंद जाहिर करने का पर्याप्त अवसर एवं विकल्प मिलना।
ऐसी सरकार का गठन होना जो संविधान के बुनियादी नियमों तथा नागरिकों के अधिकारों को मानते हुए कार्य करे।
नागरिकों को राजनीतिक अधिकारों के साथ-साथ सामाजिक एवं आर्थिक अधिकार देना।
सरकारों एवं सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी होना।
अल्पसंख्यक आवाजों का भी आदर करना।
सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना।
लोकतांत्रिक व्यवस्था द्वारा कुछ न्यूनतम नतीजे अवश्य देना।
भ्रष्टाचार का खात्मा करना।
लोगों के लिए सुलभ न्याय की व्यवस्था करना।
धनबल, बाहुबल आदि से परे निष्पक्ष चुनाव करवाना।