विश्व में लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियाँ
विश्व में लोकतंत्र के समक्ष दो चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती-आजकल विश्व में लोकतंत्रों को विस्तार की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसमें लोकतांत्रिक शासन के बुनियादी सिद्धान्तों को सभी क्षेत्रों, सभी सामाजिक समूहों और विभिन्न संस्थाओं में लागू करना शामिल है।
विस्तार की चुनौती का समाधान- लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती का समाधान करने के लिए यह आवश्यक है कि
स्थानीय सरकारों को अधिक अधिकार सम्पन्न बनाया जाये;
संघ की सभी इकाइयों के लिए संघ के सिद्धान्तों को व्यावहारिक स्तर पर लागू किया जाये तथा
स्त्रियों, अल्पसंख्यकों तथा पिछड़े वर्गों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाये।
(2) लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती- आज लोकतांत्रिक शासनों में लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके अन्तर्गत लोकतांत्रिक संस्थाओं और व्यवहारों को मजबूत करने की चुनौती है।
समाधान-लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक व्यवहारों को मजबूत करने की चुनौती का समाधान करने के लिए हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यपद्धति को इस तरह सुधारा जाना चाहिए कि लोगों की भागीदारी और नियंत्रण में वृद्धि हो। इसके लिए यह आवश्यक है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया पर अमीर और प्रभावशाली लोगों के नियंत्रण को कम किया जाये।