आज, जहां सरकार किसानों से काफी कम राशि भूमि राजस्व के रूप में लेती है और कई सरकारी कर्मचारी व अधिकारी इस काम के लिए लगे होते हैं वहीं अंग्रेजी सरकार भूमि राजस्व के रूप में तब, किसानों से उनके लाभ का लगभग आधा हिस्सा हडप लेती थी। भूमि राजस्व की वसूली का काम जमींदार और उसके कारिंदे करते थे, कहीं यह काम कोई बड़ा किसान या परिवार करता था और कहीं कंपनी के लोग स्वयं यह काम करते थे। पर, उनका मकसद अधिक से अधिक शोषण करना होता था।