नई राजस्व नीति के कारण आधे पुराने जमींदारों की जमींदारी उनके हाथ से चली गई क्योंकि उन्होंने तय समय पर लगान जमा नहीं किया था। दरअसल उनके लिए किसानों से लगान के लिए ज्यादा जोर-जबर्दस्ती करना संभव नहीं था। किसानों के साथ उनके पुराने संबंध थे। नई राजस्व व्यवस्था में जमीन का मालिक किसान या जमींदारों को बना दिया गया।
इससे लगान समय पर जमा करने के लिए इसे बेचने या बंधक रखने का चलन शुरू हो गया। इससे गाँवों में महाजन के रूप में एक प्रभावी समूह आ गया । ये महाजन जमीन के एवज में धन दिया करते थे। किसान और जमींदार दोनों इनसे कर्ज लेते थे । अंग्रेज सरकार को केवल लगान से मतलब थी । इस नई राजस्व नीति का भारतीय समाज पर बुरा असर पड़ा । शोषण बड़ा, भारतीय किसानों की दरिद्रता बढ़ी और भारतीय समाज में असंतोष बढ़ता गया जिसके । परिणामस्वरूप जगह-जगह पर उपद्रव की स्थिति उत्पन्न हो गयी।