$L_1$ व $L_2$ स्वप्रेरकत्व वाली कुण्डलियों के मध्य महत्तम अन्योन्य प्रेरकत्व क्या होगा$?$
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जब एक कुण्डली पर दूसरी कुण्डली को लपेटा जाता है तो दोनों कुण्डलियों के पूर्ण रूप से युग्मित होने के कारण अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान अधिकतम होता है। फलस्वरूप प्रेरित वि.वा. बल का मान भी अधिकतम होता है।
जब दोनों कुण्डलियों को किसी अन्य प्रकार से लपेटने पर अन्योन्य प्रेरण गुणांक व प्रेरित वि.वा. बल अधिकतम नहीं हो पाते क्योंकि दोनों कुण्डलियों में फ्लक्स की सम्बद्धता पूर्ण रूप से नहीं होती है।
दो कुण्डली जिनके प्रेरकत्व $L _1$ तथा $L _2$ हैं और उनका अन्योन्य प्रेरण $M$ है। तब $L_1, L_2$ और $M$ में सम्बन्ध
$M=K \sqrt{L_1 L_2}$
जहाँ $K$ कुण्डलियों $($परिनालिकाओं$)$ का युग्मन गुणांक है। आदर्श स्थिति में $K = 1$
इसलिये $M$ का अधिकतम मान $\sqrt{ L _1 L_2}$होगा।
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विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के लेंज नियम का कथन लिखिए। पूर्व से पश्चिम दिशा में स्थित कोई 2 मी. लम्बा सीधा क्षैतिज चालक तार $0.3 \times 10^{-4}$टेसला के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के लम्बवत 5 मी/से की चाल से गिर रहा है। तार के सिरों के मध्य प्रेरित विद्युत वाहक बल के तात्क्षणिक मान की गणना कीजिए।
यदि । लम्बाई की धात्विक छड़ को एक समान चुम्बकीय क्षेत्रअ (B) के लम्बवत् रखकर इसे चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत $v$ वेग से चलाएँ तो इसके सिरों के बीच प्रेरित विद्युत वाहक बल (गतिक विद्युत वाहक बल) ज्ञात कीजिए। आवष्यक चित्र बनाइए।
(i) लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण सिद्धान्त का निष्कर्ष है, इसको कैसे दर्शाएँगे? उचित उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए। (ii) किसी चालक के आवेश वाहकों पर कार्यरत लॉरेन्ट्ज बल के व्यंजक का उपयोग उस प्रेरित विद्युत्-वाहक बल (emf), जो किसी चुम्बकीय क्षेत्र B के लम्बवत् । लम्बाई के चालक को वेग $v$ से गति करने पर चालक में उत्पन्न होता है, के लिए व्यंजक प्राप्त करने में कीजिए।