वर्ष 2016 में संसद ने बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में यह संशोधन किया है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के सभी प्रकार के व्यवसायों में तथा किशोरों (14-18 वर्ष) के जोखिमवादी व्यवसायों तथा प्रक्रियाओं में नियोजन करने पर प्रतिबंध है। बच्चों या किशोरों के नियोजन को अब एक संज्ञेय अपराध बना दिया गया है।