अदालत ने यह आदेश दिया कि दिल्ली के रिहायशी इलाकों में काम करने वाले उद्योगों को बंद कर दिया जाये या उन्हें शहर से बाहर दूसरे इलाकों में भेज दिया जाये। इनमें से कई कारखाने आसपास के वातावरण को प्रदूषित कर रहे थे। इन कारखानों की गंदगी से यमुना नदी भी प्रदूषित हो रही थी क्योंकि इन कारखानों को नियमों के हिसाब से नहीं चलाया जा रहा था।
अदालत के आदेशों से दिल्ली में प्रदूषण की समस्या तो हल हो गई, लेकिन इन कारखानों के बंद हो जाने से बहुत सारे मजदूरों के रोजगार खत्म हो गये।