इस उद्योग को ज्ञान आधारित उद्योग भी कहते हैं क्योंकि इसमें उत्पादन के लिए विशिष्ट नए ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी और निरंतर शोध और अनुसंधान की आवश्यकता रहती है। यह वह उद्योग है जो मुख्यतः सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित है। इसने देश के आर्थिक ढाँचे तथा लोगों की जीवनशैली में बहुत क्रांति ला दी है।
इस उद्योग के अन्तर्गत आनेवाले उत्पादों में ट्रांजिस्टर से लेकर टी. वी., टेलीफोन, पेपर, राडार, सेल्यूलर टेलीकॉम, लेजर, जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्यूटर की यंत्र सामग्री (हार्डवेयर) तथा प्रक्रिया सामग्री (सॉफ्टवेयर) इत्यादि हैं। इन्हें उच्च प्रौद्योगिकी भी कहते हैं। इनके प्रमुख उत्पादक केन्द्र बंगलूर, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, पूणे, चेन्नई, कोलकता, कानपुर तथा लखनऊ हैं। इसके अतिरिक्त 20 सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क हैं जो सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों को एकल विंडो सेवा तथा उच्च ऑकड़े संचार सुविधा प्रदान करते हैं। इसका प्रमुख महत्व रोजगार उपलब्ध कराना है। पिछले दो या तीन वर्षों से यह उद्योग विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। जिसका कारण तेजी से बढ़ता व्यवसाय प्रक्रिया बाह्यस्रोतीकरण है।