भारतीय संविधान के अनुसार सरकार के तीन अंग हैं- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ।
विधायिका में हमारे निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं जो देश के लिए कानूनों का निर्माण करते हैं। कार्यपालिका ऐसे लोगों का समूह है जो कानूनों को लागू करने और शासन चलाने का काम देखते हैं। न्यायालयों की व्यवस्था को न्यायपालिका कहा जाता है।
सरकार का कोई भी अंग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग न कर सके, इसलिए भारतीय संविधान में शक्तियों का बंटवारा तीनों अंगों में किया गया है। शक्तियों के बंटवारे से सरकार के सभी अंगों की शक्तियाँ एक दूसरे से अलग होंगी। शक्तियों के इस बंटवारे के आधार पर प्रत्येक अंग दूसरे अंग पर अंकुश रखता है और इस तरह तीनों अंगों के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है।
इससे स्पष्ट होता है कि सत्ता के तीनों अंगों के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए तथा सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए शक्तियों का बंटवारा आवश्यक है।