भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकार
भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकार निम्नलिखित हैं-
(1) समानता का अधिकार- समानता के अधिकार से आशय है कि कानून की नजर में सभी लोग समान हैं अर्थात् सभी लोगों को देश का कानून बराबर सुरक्षा प्रदान करेगा। इस अधिकार में यह भी कहा गया है कि धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक स्थानों पर सभी को बराबर पहुंच का अधिकार होगा। रोजगार के मामले में राज्य किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। यद्यपि इसके कुछ अपवाद भी हैं। छुआछूत की प्रथा का उन्मूलन कर दिया गया है तथा राज्य कोई भेदभावजनक पदवियां प्रदान नहीं करेगा।
(2) स्वतंत्रता का अधिकार- इस अधिकार के अन्तर्गत अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता, सभा या संगठन बनाने की स्वतंत्रता, देश के किसी भाग में आने-जाने और रहने तथा कोई भी व्यवसाय, पेशा या कारोबार करने का अधिकार शामिल है।
(3) शोषण के विरुद्ध अधिकार- संविधान में कहा गया है कि मानव व्यापार, जबरिया श्रम और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी पर रखना अपराध है।
(4) धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार- सभी नागरिकों को पूरी धार्मिक स्वतन्त्रता दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने तथा शांतिपूर्वक उसका प्रचार- प्रसार करने का अधिकार है।
(5) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार- संविधान में कहा गया है कि धार्मिक या भाषायी, सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए अपने-अपने शैक्षणिक संस्थान खोल सकते हैं।
(6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार- यदि किसी नागरिक को लगता है कि राज्य द्वारा उसके किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो इस अधिकार का सहारा लेकर वह अदालत में जा सकता है।