बिजोलिया किसान आंदोलन धाकड़ जाति के किसानों द्वारा प्रारम्भ कया गया। किसानों के प्रतिनिधि नानजी और ठाकरी पटेल ने मेवाड़ महाराणा से इसकी शिकायत की तथा साधु सीताराम दास, फतहकरण चारण और ब्रह्मदेव ने प्रथम चरण में नेतृत्व किया। दूसरे चरण में विजयसिंह पथिक ने आंदोलन का नेतृत्व किया, उनको माणिक्यलाल वर्मा का भी साथ मिला। आंदोलन के तीसरे चरण में जमनालाल बजाज ने नेतृत्व की कमान संभाली। अंजना देवी चौधरी, रमा देवी, नारायणी देवी वर्मा जैसी महिला नेत्रियों ने भी इस आंदोलन में अपना योगदान दिया। लगभग 44 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद आंदोलन सफलतापूर्वक समाप्त हुआ।