बिजोलिया किसान आंदोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
Download our app for free and get startedPlay store
बिजोलिया किसान आंदोलन-यह आंदोलन धाकड़ जाति के किसानों द्वारा प्रारम्भ किया गया। यह 44 वर्षों तक चला एवं पूर्णतया अहिंसात्मक रहा और मुख्यतः तीन चरणों में विभक्त था प्रथम चरण (1897 से 1914 तक), दूसरा चरण (1914 से 1923 तक) और तीसरा चरण (1923 से 1941 तक)।
राव सवाई कृष्ण सिंह के समय भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया के किसानों से 84 प्रकार की लागतें ली जाती थी। बाद में प्रजा पर चंवरी कर भी लगा दिया गया। किसानों के विरोध के बाद चंवरी कर की लागत माफ कर दी गयी एवं अन्य लगानों में छूट दी गयी। आगे चलकर, पृथ्वीसिंह ने जनता पर 'तलवार बन्दी' की लागत लगा दी। किसानों ने विजयसिंह पथिक के नेतृत्व में आंदोलन जारी रखा, उन्हें माणिक्यलाल वर्मा का भी साथ मिला। इस आंदोलन से जमनालाल बजाज भी जडे। एक लंबे संघर्ष के बाद आंदोलन समाप्त हुआ और किसानों से समझौता करके उनकी जमीनें वापिस दी गई।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    संप सभा के बारे में आप क्या जानते हैं? व्याख्या कीजिए।
    View Solution
  • 2
    राजस्थान में किसान आंदोलन क्यों हुए?
    View Solution
  • 3
    बिजोलिया किसान आंदोलन के दौरान किन महान विभूतियों ने अपना सहयोग दिया?
    View Solution
  • 4
    राजस्थान में आजादी का आंदोलन किस प्रकार शुरू हुआ?
    View Solution