बंगाल की दीवानी मिलने के बाद कम्पनी के सामने निम्नलिखित मुख्य मुद्दे थे-
(1) अब कम्पनी अपने नियन्त्रण वाले भू भाग के आर्थिक मामलों की मुख्य शासक बन गई थी। अब उसे अपनी जमीन का शासन चलाने तथा आमदनी को व्यवस्थित करने के लिए ऐसे तरीके ढूँढ़ने थे जिससे कम्पनी अपने बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त आमदनी जुटा सके।
(2) व्यापारिक कम्पनी होने के नाते उसे यह भी ख्याल रखना था कि वह अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ खरीदती- बेचती रहे।
(3) चूँकि कम्पनी बाहरी शक्ति थी अतः उसे उन लोगों को भी शांत रखना था जो गांव, देहात में पहले शासन चला चुके थे और जिनके पास अभी भी शक्ति तथा सम्मान था।
(4) स्थानीय सत्ता में रह चुके लोगों को नियंत्रित करना तो आवश्यक था। लेकिन उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता था।