धातु इलेक्ट्रॉनों के अपवाह वेग का मान अति लघु क्यों होता है?
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यदि हम किसी धातु चालक के सिरों के बीच पर कोई विधुत विभव लगाते हैं तब उसके एक सिरे से दूसरे सिरे के बीच की तरफ उसमें एक विधुत क्षेत्र स्थापित हो जाता है और हर मुक्त इलेक्ट्रॉन पर विधुत क्षेत्र की विपरीत दिशा में बल लगता है, उसके कारण उसमें वेग उत्पन्न होता है। उसका वेग बढ़ता रहता है। तब तक गति करता रहता है, जब तक वह अपने मार्ग में आने वाले किसी धातु आयन से नहीं टकराता। धातु आयन से टकराने पर उसका वेग शून्य हो जाता है और इलेक्ट्रॉन पर बल लगाने के कारण उसका वेग बढ़ता रहता है। शून्य से अगली टक्कर तक और अगली टक्कर किसी इलेक्ट्रॉन के होने पर फिर शून्य हो जाता है। यदि इलेक्ट्रॉन की एक टक्कर से अगली टक्कर तक की चली, गई मध्यमान दूरी $\lambda$ हो और उसमें लगा समय $\tau$ हो तो तब- अपवाह वेग $\left( V _{ d }\right)=\frac{\lambda}{\tau}$ यहाँ पर $\lambda$ का मान $\tau$ की अपेक्षा बहुत ही छोटा है। इसलिये अपवाह वेग का मान अति लघु होता है।
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0.24 मीटर लम्ब चालक के सिरों के बीच 6 वोल्ट का विमवान्तर लगाया गया है। इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन (अपवाह) वेग ज्ञात कीजिए। इलेन्ट्रॉन की गतिशीलता $5.6 \times 10^{-6}$ मीटर $^2$ वोल्ट ${ }^{-1}$ सेकण्ड $^{-1}$ है।
ताँबे का मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व $8.5 \times 10^{28}$ मीटर$^3$ है। $0.1$ मीटर लम्बे; $1$ मिमी${ }^2$ अनुप्रस्थ काट वाले ताँबे के तार में धारा ज्ञात कीजिए, जबकि इनके सिरों के बीच $3$ वोल्ट की बैटरी जुड़ी है। $($दिया है, इलेक्ट्रॉन की गतिंशीलता $4.5 \times 10^{-6}$ मीटर$^2-$ वोल्ट ${ }^{-1} -$ सेकंड$^{-1}$ तथा इलेक्ट्रॉन पर आवेश $e =1.6 \times 10^{-19}$ कूलॉम$)$
एक तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1.0 \times 10^{-7}$ मीटर $^2$ तथा तार में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या $2 \times 10^{28}$ प्रति मीटर ${ }^3$ है। तार मे $3.2$ एंपायर की धारा प्रवाहित हो रही है। ज्ञात कीजिये $(i) $तार मे धारा धनत्व$, (ii)$ मुक्त एलेक्ट्रोनों का अपवहन वेग।
ऐलुमिनियम की एक छड़, जिसका काट क्षेत्रफल $4.00 \times 10^{-6}$ मीटर$^2$ है; में 5.00 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। छड़ में इलेक्ट्रॉन का अपवहन वेग ज्ञात कीजिए। ऐलुमिनियम का घनत्व $2.70 \times 10^3$ किग्रा. $/$ मीटर $^3$ तथा परमाणु भार 27 है तथा मान लीजिए कि प्रत्येक ऐलुमिनियम परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त होता है।
एक 15$\Omega$ के मोटे तार को खींचकर इसकी लम्बाई को तीन गुना कर दिया जाता है। यह मानते हुए कि खींचने पर इसका घनत्य अपरिवर्तित रहता है। नए तार के प्रतिरोध की गणना कीजिए।
सेलों के संयोजन किस उदेश्य की पूर्ति के लिए किया जाते हैं? सेलों को कितने प्रकार से संयोजित किया जा सकता है? सेलों के संयोजन की श्रेणीक्रम व समानतर क्रम विधि को चित्र बनाते हुए समझाइए। श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध के लिए आवयश्क सूत्र भी स्थापित कीजिये ।