त्रिज्या $a$ के किसी लम्बे सीधे तार से कोई स्थायी धारा प्रवाहित हो रही है। इस तार की अनुप्रस्थ काट पर धारा एकसमान रूप से वितरित है। तार के अक्ष से त्रिज्य दूरियों $\frac{ a }{2}, 2 a$ पर क्रमशः चुम्बकीय क्षेत्रों $B$ और $B ^{\prime}$ का अनुपात है।
[2016]
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(c) चालक तार के भीतर बिन्दुओं के लिए i.e., $(r \leq R)$
चुम्बकीय क्षेत्र $\quad B =\frac{\mu_0 Ir }{2 \pi R ^2}$
चालक तार के बाहर बिन्दुओं के लिए $(r \geq R)$
चुम्बकीय क्षेत्र, $B ^{\prime}=\frac{\mu_0 I }{2 \pi R }$
$
\therefore \quad \frac{ B }{ B ^{\prime}}=\frac{\frac{\mu_0 I ( a / 2)}{2 \pi a ^2}}{\frac{\mu_0 I }{2 \pi(2 a )}}=1: 1
$
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किसी क्षेत्र में, एकसमान विद्युत और एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र एक ही दिशा के अनुदिश कार्य कर रहे हैं। यदि इस क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉन इस प्रकार प्रक्षेपित किया जाये कि उसके वेग की दिशा, क्षेत्रों की दिशा में हो तो इलेक्ट्रॉन:
जब किसी कमरे में एक प्रोटॉन को विराम अवस्था से मुक्त किया जाता है तो, यह प्रारंभिक त्वरण $a _0$ से पश्चिम दिशा की ओर गति करता है। यदि इसे $v _0$ वेग से उत्तर दिशा की आरे प्रेक्षित किया जाता है तो यह प्रारंभिक त्वरण $3 a _0$ से पश्चिम दिशा की ओर चलता है तो, इस कमरे में विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र हैं:
समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के आकार के एक बन्द पाश $ABC$ में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। इसे किसी एकसमान $AB$ दिशा के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि भुजा $BC$ पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }$ हो तब भुजा $AC$ पर बल होगा:
एक धारा वाहक बन्द लूप(तार फन्द) PQRS को अचल चुम्बकीय फील्ड में रखा गया है। यदि लूप भागों PS, SR, और $RQ$ पर क्रमानुसार चुम्बकीय बल $F_1, F_2$ और $F_3$ क्रियाकारी हों और यह कागज़ पृष्ठ के तल में संकेतित दिशाओं में हों तो भाग $QP$ पर क्रियाकारी बल होगा :
एक धारावाही परिनालिका अपने अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र $B$ उत्पन्न करती है। यदि धारा दोगुनी तथा फेरों की संख्या प्रति सेमी आधी कर दी जाए तो नया चुम्बकीय क्षेत्र होगा$-$