दो सर्वसम $($एक से$)$ लम्बे चालक तार $AOB$ तथा $\operatorname{COD}$ एक-दूसरे के ऊपर, आपस में लम्बवत् रखे गये हैं, और $O$ बिन्दु पर एक दूसरे को काटते हैं तथा इनसे $Øe' Ю$न तथा $I _2$ धारा प्रवाहित हो रही है। बिन्दु $O$ से $d$ दूरी पर, दोनों तारों के तल के लम्बवत् दिशा के अनुदिश किसी बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
[2014]
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$ B _{\text {net }}=\sqrt{ B _1^2+ B _2^2+2 B _1 B _2 \cos \theta}$
$[\because B _1=\frac{\mu_0 I _1}{2 \pi d }$ तथा $B _2=\frac{\mu_0 I _2}{2 \pi d }]$
$B _{\text {net }}=\frac{\mu_0}{2 \pi d } \sqrt{ I _1^2+ I _2^2}$
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किसी एमीटर में मुख्य धारा का $0.2 \%$ भाग गैल्वेनोमीटर कुंडली से गुजरता है। यदि गैल्वेनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध $G$ है, तो इस एमीटर का प्रतिरोध होगा
एक गेल्वेनोमीटर $50 \Omega$ प्रतिरोध तथा $25$ विभाजनों का है। $4 \times 10^{-4} A$ धारा इसमें एक प्रति विभाजन विक्षेप पेदा करता है। इसे $25 V$ का वोल्टमीटर बनाना है तो निम्न में से कौन सा प्रतिरोध जोड़ना होगा?
एक धारा वाहक बन्द लूप(तार फन्द) PQRS को अचल चुम्बकीय फील्ड में रखा गया है। यदि लूप भागों PS, SR, और $RQ$ पर क्रमानुसार चुम्बकीय बल $F_1, F_2$ और $F_3$ क्रियाकारी हों और यह कागज़ पृष्ठ के तल में संकेतित दिशाओं में हों तो भाग $QP$ पर क्रियाकारी बल होगा :
एक साइक्लोट्रान का उपयोग प्रोट्रोनों $($द्रव्यमान $=m )$ को त्वरित करने के लिये किया जा रहा है। इसके डीज $($त्रिज्या $R )$ पर $v$ आवृत्ति का एक प्रत्यावर्ती विद्युत क्षेत्र लगाया जाता है तो, साइक्लोट्रॉन में प्रयुक्त प्रचालन चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ तथा उत्पन्न प्रोटॉन किरणपुंज की गतिज ऊर्जा $(K)$ होगी :
एक वर्गाकार पाश (लूप) को, जिससे विद्युतधारा प्रवाहित हो रही है, किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया है। चुम्बकीय क्षेत्र पाश (लूप) के समतल में कार्य करता है। यदि पाश की किसी एक भुजा पर $\vec{F}$ बल लगता है तो, शेष तीन भुजाओं पर नेट बल है