एक साइक्लोट्रान का उपयोग प्रोट्रोनों $($द्रव्यमान $=m )$ को त्वरित करने के लिये किया जा रहा है। इसके डीज $($त्रिज्या $R )$ पर $v$ आवृत्ति का एक प्रत्यावर्ती विद्युत क्षेत्र लगाया जाता है तो, साइक्लोट्रॉन में प्रयुक्त प्रचालन चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ तथा उत्पन्न प्रोटॉन किरणपुंज की गतिज ऊर्जा $(K)$ होगी :
[2012]
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$(c)$ साइक्लोट्रॉन में आवर्त्तकाल
$ T=\frac{1}{v}=\frac{2 \pi m}{e B} ; B=\frac{2 \pi m}{e} v ; R=\frac{m v}{e B}=\frac{p}{e B}$
$\Rightarrow P=e B R=e \times \frac{2 \pi m v}{e} R=2 \pi m \cup R$
$\text { K.E. }=\frac{p^2}{2 m}=\frac{(2 \pi m v R)^2}{2 m}=2 \pi^2 m v^2 R^2 $
$F _1> F _2$ क्योंकि $F \propto \frac{1}{ d }$, तथा $F _3$ और $F _4$ बराबर एवं विपरीत हैं।
अतः परिणामी आकर्षण बल चालक के तरफ होगा।
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दो सर्वसम $($एक से$)$ लम्बे चालक तार $AOB$ तथा $\operatorname{COD}$ एक-दूसरे के ऊपर, आपस में लम्बवत् रखे गये हैं, और $O$ बिन्दु पर एक दूसरे को काटते हैं तथा इनसे $Øe' Ю$न तथा $I _2$ धारा प्रवाहित हो रही है। बिन्दु $O$ से $d$ दूरी पर, दोनों तारों के तल के लम्बवत् दिशा के अनुदिश किसी बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
एक $10 eV$ ऊर्जा का एक इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $10^{-9}$ वेबर/मी. $(1 G )$ के लम्बवत् गति करता है तथा दोनों ध राओं से symmetrical हैं। तो इसके पथ की त्रिज्या होगी
कोई वर्गाकार पाश (लूप) $\text{ABCD}$ जिससे धारा $i$ प्रवाहित हो रही है, किसी लम्बे सीधे चालक $XY$ जिससे धारा I प्रवाहित हो रही है के निकट एक ही तल में रखा है। इस पाश पर लगने वाला नेट बल होगा:
एक सीधे तार में $1.2 A$ की धारा प्रवाहित होती है। इससे $0.5$ मीटर दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता $2 T$ है। चुम्बकीय क्षेत्र तार की लम्बाई के लम्बवत् है तो तार पर लगने वाला बल है
एक गेल्वेनोमीटर $50 \Omega$ प्रतिरोध तथा $25$ विभाजनों का है। $4 \times 10^{-4} A$ धारा इसमें एक प्रति विभाजन विक्षेप पेदा करता है। इसे $25 V$ का वोल्टमीटर बनाना है तो निम्न में से कौन सा प्रतिरोध जोड़ना होगा?
एक प्रोटॉन $3 \times 10^5$ मी/सेकंड के वेग से $0.3 T$ वाले चुम्बकीय क्षेत्र में $30^{\circ}$ का कोण बनाते हुए गति करता है। इसकी पथ की त्रिज्या होगी (प्रोटॉन का $e / m =10^8$ कूलाम/किग्रा)