एक आदर्श गैस $A$ तथा वास्तविक गैस $B$ के आयतन $V$ से $2 V$ तक समतापीय स्थिति में बढ़ा दिये गये। इसकी आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि:
[1993]
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(b) समतापीय प्रक्रम में आंतरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
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एक इंजन $1 / 6$ की दक्षता रखता है। जब इसके गर्त के तापमान को $62^{\circ} C$ से कम कर दिया जाता है, तो इसकी दक्षता दोगुनी हो जाती है। स्त्रोत का तापमान होगा $-$
जब $0^{\circ} C$ की $1 kg$ बर्फ $0^{\circ} C$ के जल में परिवर्तित होती है तो इसकी एन्ट्रापी में परिणामी परिवर्तन होगा (यदि बर्फ की गुप्त ऊष्मा $80 cal /{ }^{\circ} C$ हो ):
किसी एक परमाण्विक गैस का दाब $p$ और आयतन $V$ है। इसमें पहले समतापीय रूप से $2 V$ आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से $16 V$ आयतन तक प्रसार होता है। यदि $\gamma=\frac{5}{3}$ हो तो, गैस का अन्तिम दाब होगा
एक ऊष्मागतिकी प्रक्रम (चित्र देखें) में गैस को $A$ से $B$ तक $ACB$ द्वारा फिर वापिस $A$ तक $BDA$ द्वारा लाया गया है। पूरे प्रक्रम में किया गया कार्य किस क्षेत्रफल के बराबर होगा?
एक उत्क्रमणीय इंजन ली गयी ऊष्मा का $1 / 6$ कार्य में बदलता है । यदि सिंक का तापतान $60^{\circ} C$ कम कर दिया जाए तो दक्षता दोगुनी हो जाती है । तो स्रोत्र तथा सिंक का तापमान होगा :
किसी प्रशांतक $($रेफ्रिजरेटर$)$ का निप्पादन गुणांक $5$ है। यदि फ्रीजर का भीतरी ताप $-20^{\circ} C$ है, तो प्रशीतक के बाहर चारो ओर जहाँ यह ताप बाहर फेंकता है का तापमान होगा :