किसी प्रशांतक $($रेफ्रिजरेटर$)$ का निप्पादन गुणांक $5$ है। यदि फ्रीजर का भीतरी ताप $-20^{\circ} C$ है, तो प्रशीतक के बाहर चारो ओर जहाँ यह ताप बाहर फेंकता है का तापमान होगा :
[2015]
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कार्य गुणांक, $Cop =\frac{ T _2}{ T _1- T _2}$
$ 5=\frac{273-20}{ T _1-(273-20)}$
$=\frac{253}{ T _1-253}$
$5 T _1-(5 \times 253)=253$
$5 T _1=253+(5 \times 253)=1518$
$\therefore T _1=\frac{1518}{5}=303.6 $
अर्थातः $T_1=303.6-273$
$=30.6 \cong 31^{\circ} C$
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किसी गैस को समतापीय रूप से उसके आधे आयतन तक संपीडित किया जाता है। इसी गैस को पृथक रूप से रुद्धोप्म प्रक्रिया द्वारा उसके आधे आयतन तक संपीडित किया जाता है तब :
एक आदर्श गैस ऊष्मा इंजन कार्नो चक्र में $227^{\circ} C$ तथा $127^{\circ} C$ के बीच कार्यरत है। यह उच्च ताप पर $6 \times 10^4$ कैलोरी ऊष्मा अवशोषित करता है। कार्य में परिवर्तित ऊष्मा का मान है
कोई रेफ्रिजरेटर $4^{\circ} C$ और $30^{\circ} C$ के बीच कार्य करता है। प्रशीतन किए जाने वाले स्थान का ताप नियत रखने के लिए $600$ कैलोरी ऊप्मा का प्रति सेकण्ड बाहर निकालना आवश्यक होता है। इसके लिए आवश्यक शक्ति चाहिए :
किसी एक परमाणुक गैस का दाब $P_1$ और आयतन $V_1$ है। इसको रूद्धोष्म रूप से प्रारंभिक आयतन के $1 / 8$ तक संपीडित किया जाता है, गैस का अंतिम दाब कितना होगा
एक आदर्श गैस को $27^{\circ} C$ से रुद्धोष्म प्रक्रम में दबाया गया तो उसका आयतन प्रारंभिक आयतन का $8 / 27$ हो गया । इसके तापमान में वृद्धि होगी $( r =5 / 3)$
एक आदर्श गैस के लिए स्थिर दाब अवस्था में मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान $(7/2) \ R$ है। इसके लिए स्थिर दाब और स्थिर आयतन अवस्थाओं में विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात होगा