एक बल्ब $(100 W , 200 V )$ को $160 V$ की शक्ति आपूर्ति से जोड़ी गयी। बताओ कितनी शक्ति लगेगी?
[1997]
Download our app for free and get started
$(d) P =100 W , V =200 V$
$ R=\frac{V^2}{P}=\frac{200 \times 200}{100}=400 \Omega$
$I=\frac{10}{400}$
$P=V I=160 \times \frac{160}{400}=64 W $
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
दर्शाये गये परिपथ में दो सेलों $A$ तथा $B$ का प्रतिरोध नगण्य है, जब $V_A=12 V , R_1=500 \Omega$ तथा $R=100 \Omega$ है तो, गैल्वेनोमीटर $(G)$ में कोई विक्षेप नहीं होता है। $V_B$ का मान है :
किसी परिपथ में, $30 V$ की एक बैटरी $40.8 \Omega$ का एक प्रतिरोध तथा एक एमीटर सभी श्रेणी क्रम में जुड़े है। यदि एमीटर की कुंडली का प्रतिरोध $480 \Omega$ है और इससे जुड़े संट का प्रतिरोध $20 \Omega$ है तो, एमीटर का पाद्यांक होगा
एक ताम्र वोल्टामीटर में $1.5$ ऐम्पियर की स्थिर धारा 10 मिनट के लिये बहती है। यदि तांबे के लिये विद्युत-रासायनिक तुल्यांक $30 \times 10^{-5}$ ग्राम-कूलाम-1 हो तो इलेक्ट्रोड पर विक्षिप्त ताँबे का द्रव्यमान होगा-
एक वलय, एक तार जिसका प्रतिरोध $R_0=12 \Omega$ से बना है। इस वलय में ऐसे किन दो बिन्दुओं $A$ और $B$ जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, पर धारावाही चालक को जोड़ा जाय ताकि, इन दो बिन्दुओं के बीच उप परिपथ का प्रतिरोध $R =\frac{8}{3} \Omega$ हो।
नगण्य प्रतिरोध का एक ताप-विद्युत युग्म, ताप के रेखीय परिसर में $40 \mu V /{ }^{\circ} C$ विद्युत वाहक बल (ई.एम.एफ) उत्पन्न करता है। इस ताप विद्युत युग्म के साथ 10 ओम प्रतिरोध का एक गैल्वेनोमीटर लगाया गया है, जिसकी सुग्राहिता $1 \mu A / div$ भाग है, तो इस निकाय (तंत्र) द्वारा संसूचित की जा सकने वाले न्यूनतम तापान्तर का मान होगा:
किसी व्हीटस्टोन ब्रिज (सेतु) की चार भुजाओं $P, Q, R$ तथा $S$ के प्रतिरोध क्रमशः $10 \Omega, 30, \Omega, 30 \Omega, 90 \Omega$, हैं। इसमें जुड़े सेल का ई.एम.एफ. (e.m.f.) 7 वोल्ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध $5 \Omega$ है। यदि गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध $50 \Omega$ है तो सेल द्वारा प्रवाहित विद्युत धारा का मान होगा: