एक चालक लूप को यदि चुम्बकीय क्षेत्र में चलाया जाए तो उसमें उत्पन्न होने वाला आवेश का कारण है
[1990]
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$(c) \ e =\frac{ d \phi}{ dt } \Rightarrow i =\frac{ e }{ R }=\frac{1}{ R } \cdot \frac{ d \phi}{ dt }$
उत्पन्न हुआ कुल आवेश
$ =\int idt =\int \frac{1}{ R }=\frac{ d \phi}{ dt } dt =\frac{1}{ R } \int_{ d _1}^{\phi_2} d \phi$
$=\frac{1}{ R }\left(\phi_2-\phi_1\right) $
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एक लम्बे धारा प्रवाहित तार की वजह से किसी बिन्दु $P$ पर जो तार से $4$ सेमी दूर है, चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता $10^{-3} T$ है। तो $12$ सेमी दूर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता ज्ञात करो।
चित्रानुसार एक लम्बे सीधे तार से एक अपरिवर्ती (स्थिर) धारा $I _1$ प्रवाहित हो रही है। इस तार से $d$ दूरी पर, क्षैतिज तल में, एक वर्गाकार लूप (पाश) रखा है, जिससे एक स्थिर (अपरिवर्ती) धारा I प्रवाहित हो रही है। तो, लूप (पाश) पर :
एक तार का व्यास $0.5$ मिमी है। इसमें $1 A$ धारा प्रवाहित होती है। इसके एक दूसरे तार जिसका व्यास 1 मिमी है तथा इसमें भी $1 A$ धारा प्रवाहित होती है से बदल दिया जाता है। तो तार से कुछ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता होगी-
एक गेल्वैनोमीटर जिसका प्रतिरोध $20 \Omega$ है, $0.004 A$ धारा पर पूरा स्केल विक्षेप देता है। इसे एक $1 A$ रेंज वाले एमीटर बनाने के लिए कितना शण्ट प्रतिरोध देना होगा?
दो कुण्डली 1 व 2 समान तार से बनी है। पहली की त्रिज्या दूसरी से दोगुनी है। कितना विभव दोनों पर लगाया जाए कि दोनों के केन्द्रों पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता समान हो?
एक प्रोटॉन $3 \times 10^5$ मी/सेकंड के वेग से $0.3 T$ वाले चुम्बकीय क्षेत्र में $30^{\circ}$ का कोण बनाते हुए गति करता है। इसकी पथ की त्रिज्या होगी (प्रोटॉन का $e / m =10^8$ कूलाम/किग्रा)
एक $10 eV$ ऊर्जा का एक इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $10^{-9}$ वेबर/मी. $(1 G )$ के लम्बवत् गति करता है तथा दोनों ध राओं से symmetrical हैं। तो इसके पथ की त्रिज्या होगी