एक गेल्वैनोमीटर जिसका प्रतिरोध $20 \Omega$ है, $0.004 A$ धारा पर पूरा स्केल विक्षेप देता है। इसे एक $1 A$ रेंज वाले एमीटर बनाने के लिए कितना शण्ट प्रतिरोध देना होगा?
[1996]
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R \left( I - I _{ g }\right)= I _{ g } \times 20 \Rightarrow R =0.08 \Omega
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आयनों के द्रव्यमान मापने के लिये एक द्रव्यमान मापी स्पैक्ट्रोमीटर में आयनों को पहले वैद्युत विभव $V$ द्वारा त्वरित कर फिर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ का प्रयोग कर $R$ त्रिज्या के अर्धवृत्तीय पथ पर चलाया जाता है। यदि $V$ और $B$ को स्थिरमानी रखा जाये तो अनुपात अनुपाती होगा-
इलेक्ट्रॉनों का एक किरण समूह परस्पर लम्बवत् विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों में से अविक्षिप्त चला जाता है। यदि विद्युत क्षेत्र को बन्द कर दिया जाये और चुम्बकीय क्षेत्र को अपरिवर्तित रखा जाये तो इलेक्ट्रॉनों का चलन होगा-
किसी $G$ प्रतिरोध के धारामापी पर $S$ ओम प्रतिरोध का शंट लगाया गया है। मुख्य धारा का मान अपरिवर्तित रखने के लिए धारामापी के श्रेणीक्रम में लागये गये प्रतिरोध का मान होगा:
जब किसी कमरे में एक प्रोटॉन को विराम अवस्था से मुक्त किया जाता है तो, यह प्रारंभिक त्वरण $a _0$ से पश्चिम दिशा की ओर गति करता है। यदि इसे $v _0$ वेग से उत्तर दिशा की आरे प्रेक्षित किया जाता है तो यह प्रारंभिक त्वरण $3 a _0$ से पश्चिम दिशा की ओर चलता है तो, इस कमरे में विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र हैं:
एक गेल्वेनोमीटर के कॉयल का प्रतिरोध $60 \Omega$ है और $1.0$ ऐम्पीयर धारा के लिए पूर्ण स्केल का विचलन दिया है। इसे $5.0$ ऐम्पीयर तक पढ़ने वाले ऐमीटर में बदलने के लिए:-
एक नियत लम्बाई के तार से बनाई गयी एक फेरे की कुण्डली में धारा प्रवाहित करने पर इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। यदि उसी तार से दो फेरों की कुंडली बनायी जाये तथा उतनी ही धारा प्रवाहित की जाये, तो कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा:
दो सर्वसम $($एक से$)$ लम्बे चालक तार $AOB$ तथा $\operatorname{COD}$ एक-दूसरे के ऊपर, आपस में लम्बवत् रखे गये हैं, और $O$ बिन्दु पर एक दूसरे को काटते हैं तथा इनसे $Øe' Ю$न तथा $I _2$ धारा प्रवाहित हो रही है। बिन्दु $O$ से $d$ दूरी पर, दोनों तारों के तल के लम्बवत् दिशा के अनुदिश किसी बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा