एक तार का व्यास $0.5$ मिमी है। इसमें $1 A$ धारा प्रवाहित होती है। इसके एक दूसरे तार जिसका व्यास 1 मिमी है तथा इसमें भी $1 A$ धारा प्रवाहित होती है से बदल दिया जाता है। तो तार से कुछ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता होगी-
[1995]
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(b) धारा का मान समान होने से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र समान होगा।
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दो एक-जैसी कुंडलीयों की त्रिज्या $R$ है। इनको संकेन्द्रीय इस प्रकार रखा गया है कि उनके समतल, एक दूसरे के लम्बवत् हैं। उनसे प्रवाहित विद्युत धारायें क्रमशः I तथा $2 I$ हैं तो, केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरण होगा:
एक लम्बे तार से एक, एक फेरे वाली कुण्डली तथा फिर उसी तार से 2 फेरों वाली कुण्डली बनायी जाती है। यदि दोनों में प्रवाहित धारा एक समान है तो उनके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रताओं का अनुपात होगा-
त्रिज्या $a$ के किसी लम्बे सीधे तार से कोई स्थायी धारा प्रवाहित हो रही है। इस तार की अनुप्रस्थ काट पर धारा एकसमान रूप से वितरित है। तार के अक्ष से त्रिज्य दूरियों $\frac{ a }{2}, 2 a$ पर क्रमशः चुम्बकीय क्षेत्रों $B$ और $B ^{\prime}$ का अनुपात है।
एक आवेशित कण पर आवेश का मान $-2 \mu C$ है। यह $y$ दिशा में क्रियाकारी $2 T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वेग $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }) \times 10^6 ms ^{-1}$ से चल रहा हो तो इस पर क्रियाकारी चुम्बकीय बल होगा:-
एक धारावाही परिनालिका अपने अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र $B$ उत्पन्न करती है। यदि धारा दोगुनी तथा फेरों की संख्या प्रति सेमी आधी कर दी जाए तो नया चुम्बकीय क्षेत्र होगा$-$
एक गेल्वैनोमीटर जिसका प्रतिरोध $20 \Omega$ है, $0.004 A$ धारा पर पूरा स्केल विक्षेप देता है। इसे एक $1 A$ रेंज वाले एमीटर बनाने के लिए कितना शण्ट प्रतिरोध देना होगा?