एक ध्वनि के स्रोत को जब दूसरे स्रोत $( f =100 Hz )$ के साथ ध्वनित किया जाता है तो वह 5 विस्पंद/सेकंड बनाता है। यदि दूसरे स्रोत की आवृत्ति 205 हर्टज कर दी जाए तो यह 5 विस्पंद/सैकंड बनाता है। तो पहले स्रोत की आवृत्ति क्या होगी?
[1995]
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(c) पहले स्रोत की आवृति ( 5 विस्पंद/सेकंड) $=100$ हर्ट्ज दूसरे स्रोत की आवृति ( 5 विस्पंद/सेकंड) $=205$ हर्ट्ज पहले स्रोत की आवृति $=100 \pm 5=105=95$ हर्ट्ज स्रोत के दूसरे हारमोनिक की आवृति $=210$ हर्ट्ज या 190 हर्ट्ज
दूसरा हारमोनिम 5 विस्पंद/सेकंड बनाता है अतः ध्वनि की आवृत्ति 205 हर्ट्ज होगी। दूसरे हारमोनिक स्र्रोत वाले की आवृत्ति 105 हर्ट्ज होगी।
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$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$
एक तरंग जो सरल आवर्तगति करती है उसका आवर्तकाल 4 सेकंड तथा दूसरी तरंग का आवर्तकाल 3 सेकंड है। यदि दोनों तरंगों का संयोजन कर दिया जाये तो इस नयी तरंग का आवर्तकाल क्या होगा-
किसी प्यानों के दो सर्वसम तारों का तनाव भी समान है और उसका मान $T$ है। इसकी मूल आवृत्ति $600 Hz$ है। यदि दोनों तारों के एक साथ कम्पन करने पर 6 विस्पंद प्रति सेकण्ड बने, तो तारों के तनाव में भिन्नात्मक वृद्धि होगी:
दो ट्रेन एक दूसरे की ओर समान वेग से आ रही है। ध्वनि का वेग $340$ मी/सेकंड है। यदि एक की सीटी की आवाज दूसरी ट्रेन को $9 / 8$ गुना सुनाई देती हो तो ट्रेनों का वेग होगा $-$