एक कुण्डली जिसकी त्रिज्या $0.5$ मीटर, फेरों की संख्या $50$ तथा धारा का मान $2 A$ है तो उसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता होगी $:-$
[1998]
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हम जानते हैं कि वृत्ताकार तार के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
$ B =\frac{\mu_0 NI }{2 r }=\frac{4 \pi \times 10^{-7} \times 2 \times 50}{2 \times 0.5}$
$=1.25 \times 10^{-4} N $
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एक नियत लम्बाई के तार से बनाई गयी एक फेरे की कुण्डली में धारा प्रवाहित करने पर इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। यदि उसी तार से दो फेरों की कुंडली बनायी जाये तथा उतनी ही धारा प्रवाहित की जाये, तो कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा:
चित्रानुसार एक लम्बे सीधे तार से एक अपरिवर्ती (स्थिर) धारा $I _1$ प्रवाहित हो रही है। इस तार से $d$ दूरी पर, क्षैतिज तल में, एक वर्गाकार लूप (पाश) रखा है, जिससे एक स्थिर (अपरिवर्ती) धारा I प्रवाहित हो रही है। तो, लूप (पाश) पर :
इलेक्ट्रॉनों का एक किरण समूह परस्पर लम्बवत् विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों में से अविक्षिप्त चला जाता है। यदि विद्युत क्षेत्र को बन्द कर दिया जाये और चुम्बकीय क्षेत्र को अपरिवर्तित रखा जाये तो इलेक्ट्रॉनों का चलन होगा-
एक सीधे तार में $1.2 A$ की धारा प्रवाहित होती है। इससे $0.5$ मीटर दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता $2 T$ है। चुम्बकीय क्षेत्र तार की लम्बाई के लम्बवत् है तो तार पर लगने वाला बल है
एक गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध $8 \Omega$ है। इसमें $2 \Omega$ का शण्ट प्रतिरोध लगाया गया। इसमें $1 A$ धारा प्रवाहित होती है तो बताओ शण्ट में कितनी धारा प्रवाहित होगी?