एक कुण्डली में धारा का मान $10 A$ से $0,5$ सेकण्ड में बदलता है। इसमें औसत प्रेरक वि.वा.ब $220 V$ है। स्व-प्रेणण गुणांक होगा :
[1995]
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$ I _1=10 A , I _2=0, t =0.5$ सेकण्ड,
$e =220 V$
$e =-\frac{ LdI }{ dt }=\frac{- L \left( I _2- I _1\right)}{ t }$
$- L \left(\frac{0-10}{0.5}\right)$ या $L =11 H $
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