$r$ त्रिज्या की एक पतली अर्द्धवृत्ताकार चालक रिंग (वलय) $( PQR )$ किसी क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में गिर रही है। गिरते समय इसका समतल, आरेख में दर्शाये गये अनुसार, ऊध्र्वाधर रहता है। जब गिरती हुई रिंग की चाल $v$ है तो, इसके दो सिरों के बीच विकसित विभवान्तर होगा

[2014]
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(d) अर्द्धवृताकार वलय के क्षेत्रफल में कमी की दर $=$ $\frac{ dA }{ dt }=(2 r ) V$
फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण नियम से
$ \begin{aligned} e & =\frac{- d \phi}{ dt }=- B \frac{ dA }{ dt } \\ & =-2 rBV \end{aligned} $ $R$ उच्च विभव पर होगा क्योंकि वलय में प्रेरित धारा की दिशा ऊपर की ओर है।
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