एक लम्बे सीधे तार AB में 4A की धारा बह रही है। एक प्रोटॉन P तार के समान्तर $4 \times 10^6$ मी./से. के वेग से तार से 0.2 मीटर दूरी पर धारा की दिशा के विपरीत चित्र की भाँति गति करता है। प्रोटॉन पर आरोपित बल का परिमाण ज्ञात कीजिए। इसकी दिशा भी बताइए।
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हल-कागज के तल में स्थित लम्बे सीधे तार के कारण इससे। = 0.2 मी. दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
$B=\frac{\mu_0}{4 \pi}\left(\frac{2 I }{ r }\right)=10^{-7}\left(\frac{2 \times 4}{0.2}\right)$
$=4 \times 10^{-6}$ वेबर $/$ मी. $^2$
दायें हाथ की हथेली के नियम 2 के अनुसार $\overrightarrow{ B }$ की दिशा कागज के तल के लम्बवत् अन्दर की ओर होगी अतः स्पष्ट है कि इस चुम्बकीय क्षेत्र में प्रोटॉन इसके लम्बवत् गतिशील है।
Image
अतः इस पर कार्य करने वाला चुम्बकीय बल $\vec{F}$ का परिमाण
$F = q v B \sin 90^{\circ}= q \nu B$
मान रखने पर-
$F=1.6 \times 10^{-19} \times\left(4 \times 10^6\right) \times 4 \times 10^{-6}$
$=1.6 \times 16 \times 10^{-19}$
$=25.6 \times 10^{-19}=2.56 \times 10^{-18}$न्यूटन
फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियमानुसार प्रोटॉन पर बल $\vec{F}$ की दिशा कागज के तल में तार के लम्बवत् इससे दूर अर्थात् दायीं ओर होगी।
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