एक मिलीग्राम द्रव्यमान का एक गतिशील कण उतना ही तरंगदैर्ध्य रखता है जितना की $3 \times 10^6\ ms ^{-1}$ चाल से चलने वाला इलेक्ट्रॉन। कण की चाल होगी:
$($इलैक्ट्रान का द्रव्यमान $=9.1 \times 10^{-31} \ kg )$
[2008]
Download our app for free and get started
कण की तरंगर्देध्य
$ \left(\lambda_1\right)=\frac{h}{m v}=\frac{h}{\left(1 \times 10^{-3}\right) \times v} $
जहाँ $v$ कण की वेग है।
इलेक्ट्रॉन की तरंगर्देध्य $\left(\lambda_2\right)$
$ =\frac{ h }{\left(9.1 \times 10^{-31}\right) \times\left(3 \times 10^6\right)} $
लेकिन $\lambda_1=\lambda_2$
$ \therefore \frac{ h }{\left(1 \times 10^{-3}\right) \times v }$
$=\frac{ h }{\left(9.1 \times 10^{-31}\right) \times\left(3 \times 10^6\right)}$
$\Rightarrow v =\frac{9.1 \times 10^{-31} \times 3 \times 10^6}{10^{-3}}$
$=2.73 \times 10^{-21}$ मी/से.
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक प्रकाश$-$वैद्युत सेल में $\lambda$ तरंग$-$दैर्ध्य का प्रकाश डालने पर इलैक्ट्रॉन की सर्वाधिक गति $v$ है, तो तरंगदैर्ध्य $3 \lambda / 4$ करने से सर्वाधिक गति होगी
जब $I$ तीव्रता के एकवर्णी विकिरण, किसी धातु की सतह पर टकराते हैं तो, फोटॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः $N$ और $T$ है। यदि विकिरणों की तीव्रता $2 I$ हो तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः होंगे
क्रमशः $1 eV$ तथा $2.5 eV$ ऊर्जा के फोटॉन विकिरण एक के बाद एक किसी प्रकाश सुग्राही (संवेदी) पृष्ठ को प्रदीप्त करते हैं। इस पृष्ठ का कार्य फलन $0.5 eV$ है। इन दोनों में उत्सार्जित इलेक्ट्रॉनो की अधिकतम चालों का अनुपात होगा :
एक प्रकाश वैद्युत सैल का कैथोड बदलने से उसका कार्य फलन $W _1$ से $W _2$ बदल जाता है $\left( W _2> W _1\right)$ ) बिना किसी परिवर्तन के पहले धारा का मान $I _1$ तथा बाद में $I _2$ है तो $\left(\right.$ माना $h v> W _2$ )
एक विद्युत चुम्बकीय विकिरण के फोटॉंन का संवेग है। $3.3$ $\times 10^{-29}\ kgm / sec$ इसकी संबंधित आवृत्ति है:
$\left( h =6.6 \times 10^{-34} Js ; c =3 \times 10^8 ms ^{-1}\right. )$