क्रमशः $1 eV$ तथा $2.5 eV$ ऊर्जा के फोटॉन विकिरण एक के बाद एक किसी प्रकाश सुग्राही (संवेदी) पृष्ठ को प्रदीप्त करते हैं। इस पृष्ठ का कार्य फलन $0.5 eV$ है। इन दोनों में उत्सार्जित इलेक्ट्रॉनो की अधिकतम चालों का अनुपात होगा :
[2012M]
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(b) आइंस्टीन के प्रकाश विद्युत प्रभाव के अनुसार, उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा (K.E.)
$
K \cdot E _{\max }=E-W
$ $\begin{aligned} \frac{1}{2} m v_1^2 & =(1-0.5) eV =0.5 eV \\ \frac{1}{2} m v_2^2 & =(2.5-0.5) eV =2 eV \\ \frac{v_1}{v_2} & =\sqrt{\frac{0.5}{2}}=\frac{1}{\sqrt{4}}=2\end{aligned}$
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जब एल्यूमिनियम प्लेट पर $hv$ ऊर्जा वाले फोटॉंन डाले जाते हैं $($कार्यफलन $E _0 )$ तो अधिकतम गति वाले इलैक्ट्रान की गतिज ऊर्जा $K$ है। यदि डाले गये विकिरण की आवृत्ति दोगुनी कर दी जाए तो निकले फोटो इलैक्ट्रान की अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी
एक प्रकाश$-$वैद्युत सेल में $\lambda$ तरंग$-$दैर्ध्य का प्रकाश डालने पर इलैक्ट्रॉन की सर्वाधिक गति $v$ है, तो तरंगदैर्ध्य $3 \lambda / 4$ करने से सर्वाधिक गति होगी
एक आयनीकरण बॉक्स में दो समान्तर प्लेट एनोड तथा कैथोड जिन पर $5 \times 10^7$ इलैक्ट्रॉन है। इतना ही एनोड के पास सिंगल आवेशित धनात्मक आवेश प्रति सेमी$^3$ में है इलैक्ट्रॉन एनोड की तरफ $0.4$ मी/सेकण्ड से भागते हैं तो एनोड पर धारा घनत्व $4$ माइक्रो एम्पियर / मी$^2$ होता है। धनात्मक आवेश की चाल होगी $-$